Maharashtra Politics: 21 जून से महाराष्ट्र में मचा सियासी घमासान (Political Crisis) थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. 30 जून को एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बाद महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री पद (Chief Minister) की शपथ ग्रहण कर ली लेकिन अभी भी महाराष्ट्र घमासान जारी है. एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के ठीक अगले ही दिन यानि कि एक जुलाई को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने एकनाथ शिंदे को पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटा दिया. इसके बाद पीटीआई के मुताबिक शनिवार को शिवसेना के एक बागी विधायक ने कहा है अगर उद्धव ठाकरे शिंदे को शिवसेना नेता के पद से हटाने के अपने फैसले को वापस नहीं लेते हैं, तो उनके इस कदम को कानूनी तौर पर चुनौती दी जाएगी.
इसके पहले शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी में सभी पदों से हटा दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री के इस कदम के बाद बागी गुट के नेता दीपक केसरकर ने दावा किया कि वो उद्धव ठाकरे के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देंगे. हालांकि, इसके पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस बात का दावा किया था कि वही शिवसेना के असली नेता हैं क्योंकि ठाकरे खेमा अल्पसंख्यक की स्थिति में है.
वहीं एक जुलाई को पूर्व सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने सिग्नेचर के साथ एक पत्र जारी किया था इस पत्र में साफ तौर पर ये लिखा गया है, "शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं."
बीजेपी पर नाम लिए बिना उद्धव ने साधा निशाना
उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बीजेपी (BJP) पर नाम लिए बिना हमला बोलते हुए कहा, 'जिन लोगों ने ढाई साल पहले अपना वादा पूरा नहीं किया और शिवसेना (Shivsena) की पीठ में छुरा घोंपकर (Back Stabing)...वे एक बार फिर से (शिंदे) को शिवसेना का मुख्यमंत्री (Shivsena CM) बताकर शिवसैनिकों के बीच संशय पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. वह (शिंदे) शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं. शिवसेना को अलग रखने से शिवसेना का कोई मुख्यमंत्री (Chief Minister) नहीं हो सकता.'
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