शिर्डी विवाद को लेकर शिवसेना में बगावत, सांसद सदाशिव लोखंडे विरोध में उतरे
साईं बाबा जन्मस्थान विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के सांसद सदाशिव लोखंडे भी इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि उद्धव ठाकरे ने गलत बयान दिया है. मैं उनसे बात करुंगा.
शिरडी (महाराष्ट्र): सीएम उद्धव ठाकरे के साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर दिए गए बयान को लेकर शिवसेना में बगावत हो गई है. शिर्डी से शिवसेना के सांसद सदाशिव लोखंडे भी उद्धव ठाकरे के बयान के विरोध में उतर गए हैं. उनका कहना है कि मैं उद्धव ठाकरे से बात करुंगा. सदाशिव लोखंडे ने कहा कि पहले मैं शिर्डी का हूं और फिर शिवसेना का कार्यकर्ता हूं.
साईं बाबा जन्मस्थान विवाद में अब विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है. सीएम उद्धव ठाकरे के बयान के खिलाफ ये प्रदर्शन हो रहा है. उद्धव ठाकरे ने कहा था कि परभणी का पाथरी गांव साईं बाबा की जन्मस्थली है, इसी का शिर्डी के लोग विरोध कर रहे हैं. श्रद्धालु सीएम ठाकरे के खिलाफ पोस्टर और बैनर लेकर परिक्रमा कर रहे हैं.
शनिवार देर रात 12 बजे से ग्राम सभा ने रात 12 बजे से शिर्डी शहर बंद कर दिया. हालांकि, साईं बाबा मंदिर के न्यासियों ने शनिवार को कहा कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा. शिर्डी स्थित साईं मंदिर में देशभर के लाखों श्रद्धालु आते हैं.
साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर अलग अलग मत हैं लोग दरअसल साईं बाबा के कुछ भक्त उनका जन्म स्थान शिर्डी को मानते हैं. शिर्डी उनकी कर्मस्थली भी रही है और यहीं उन्होंने देह त्यागा था. वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो उनका जन्म स्थान शिर्डी को नहीं मानते. उन्हीं में से एक हैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे.
उद्धव ठाकरे के बयान के बाद मामले ने पकड़ा तूल
यह विवाद उस समय पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साईं बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की थी. कुछ श्रद्धालु पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि उनका जन्मस्थान अज्ञात है. शिरडी स्थित श्री साईं बाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा.
शिवसेना के मंत्री अब्दुल सत्तार का क्या कहना है
साईं बाबा के जन्म स्थान पर हुए विवाद को लेकर एबीपी न्यूज़ ने शिवसेना के मंत्री अब्दुल सत्तार से बात की. सत्तार ने साफ किया कि उद्धव ने ऐसा एलान क्यों किया. अब्दुल सत्तार ने कहा, ''साईं बाबा के जन्म स्थान पाथरी को को सरकार की तरफ से जो फंड देने की बात हुई है उसपर बाकयदा मीटिंग हुई है. उस मीटिंग में मैं भी मौजूद था. मुख्यमंत्री को कागजातों के साथ बताया गया है कि साईं बाबा का असली जन्म स्थान परबनी के पाथरी गांव में ही हुआ था. इसी के आधार पर उस गांव के विकास के लिये सरकार की तरफ से सहायता की जा रही है.
स्थानीय बीजेपी विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री को साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए.'' पूर्व राज्यमंत्री ने कहा, ''देश के कई साईं मंदिरों में एक पाथरी में भी है. सभी साईं भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए.''
साईं बाबा के जन्म को लेकर क्या कहानी है? - 1985 से 90 के बीच साईं संस्थान के विश्वास खेर ने साईं जन्मस्थान पर रिसर्च किया. - 1972 के साईं सचरित्र के आठवें प्रकाशन के अध्याय 7 में पाथरी जन्मस्थान का जिक्र - 1994 के साईं सचरित्र संस्करण में साईं बाबा का जन्म पाथरी में होने की जानकारी - साईं के जन्मस्थान का जिक्र पाथरी न होकर पाथर्डी नाम से - अंग्रेजी सचरित्र संस्करण में साईं का जन्म पाथरी के ब्राम्हण परिवार में होने की जानकारी - संत दासगणू महाराज ने अपने दोहे में साईं की तुलना कृष्ण से की - "जैसे कृष्ण का जन्म जिस तरह से मथुरा में हुआ परंतु गोकुल पहुंचे उसी तरह साईं बाबा का जन्म सेलू मानवत यानी पाथरी में हुआ है और शिर्डी पहुंचे" - 1978 में साईं बाबा के भुसारी घराने के अंतिम वारिस रघुनाथ भुसारी ने पाथरी में मंदिर के लिए जगह दी - जगह सिर्फ 5 हजार रूपये में ली गई थी जिसके परिसर में आज भी विकास काम जारी
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