नई दिल्ली: पाक हुक्मरानों की तानाशाही और नापाक साजिशों का खुलासा खुद पाकिस्तान को भारी पड़ने जा रहा है क्योंकि इस हिटलरशाही और भाई भतीजावाद के चलते पाकिस्तानी फौज में अपने ही कमांडरों के खिलाफ बगावत की सुगबुगाहट शुरू हो गई है.


खुफिया रिपोर्टो के मुताबिक ये सुगबुगाहट पाकिस्तान के एक वर्ग विशेष के नादिरशाही रवैये और अपनी ही फौज से अपने आंकड़े छुपाने की कवायद को लेकर शुरू हुई है.


खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में सेना के पांच डिवीजन हैं इनमे सिंध, बलूच, मुजाहिदीन, नॉर्दन लाइट इन्फेंट्री और पंजाब रेजीमेंट शामिल हैं, पाकिस्तान में सभी बड़े पदों पर जैसे जजों, सेना के जनरलों,  बड़े नौकरशाहों आदि पदों पर पंजाब प्रांत के लोग काबिज हैं.


खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान के आला पदों पर काबिज पंजाबी नहीं चाहता कि उसके पंजाब प्रांत में किसी तरह की कोई सिरदर्दी पैदा हो लिहाजा पिछले चार सालों से पंजाब रेंजीमेंट को लाइन आफ कंट्रोल पर तैनात ही नहीं किया गया इसकी जगह उन्हें सियाचीन मे तैनाती दी गई है जहां कभी कभार ही गोली चलती है.


सूत्रों के मुताबिक आला पदों पर बैठे लोगों को यह पता है कि यदि पंजाब रेजिमेंट के लोग मरेंगे तो पंजाब में हंगामा होगा और पाकिस्तान के बड़े नेताओं नौकरशाहों को उस पर जवाब देना होगा ऐसे मे टेंशन फ्री हो कर पाक आलाकमान ने इन जगहों पर अन्य चार डिवीजनों की तैनाती की हुई है.


दिलचस्प यह भी है कि इन डिवीजनों की तैनाती की आड़ मे भी पाक आलाकमान डबल गेम खेलता है मसलन सिंध, बलूचिस्तान और नॉर्दन लाइट इन्फेंट्री में तैनात लोग यदि भारतीय फौज की गोलाबारी में मारे जाते हैं तो पाकिस्तान अपने यहां लोगों को संदेश देता है कि भारतीय फौज हमारे लोगों को मार रही है और क्योंकि यह लोग पाक अधिकृत कश्मीर तथा बलूचिस्तान के रहने वाले हैं लिहाजा भारत के खिलाफ माहौल बना रहता है.


खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाक की ये नापाक चाल अब उसकी चार डिवीजनों की समझ मे भी आने लगी है लिहाजा फौज कंमाडरों से मांग उठने लगी है कि पंजाब रेजीमेंट को भी लाइन आफ कंट्रोल पर तैनात किया जाए और पाक कंमाडरों की लापरवाही आग मे घी का काम कर सकती है.


इसके अलावा पाकिस्तानी फौज में सुगबुगाहट का दूसरा बडा कारण है पाकिस्तान आलाकमान अपने ही देश की जनता और फौज से  भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तानी फौज के कितने लोग मारे गए इस बाबत तथ्य छुपाता है. बार-बार पूछे जाने पर भी पाकिस्तानी सरकार और फौज के कंमाडर लोगों को इस बात की कोई जानकारी नहीं  देते कि लाइन आफ कंट्रोल पर कितने पाकिस्तानी फौजी मारे गए.


यहां तक कि पाकिस्तान के अंदर इन मौतों को लेकर बाकायदा ट्विटर पर लिस्ट भी चलने लगती है लेकिन पाक सरकार इसका कोई जवाब नहीं  देती. खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक पिछले 1 साल के दौरान भारत पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तानी फौज के 143 लोग मारे गए हैं जबकि 350 लोग घायल हुए हैं. इस साल की बात करें तो अब तक 98 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और 271 घायल हुए.


खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ऐसा इसलिए करता है क्योंकि यदि यह संदेश लगातार जाएगा कि पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित बालिस्टान के लोग भारत-पाक सीमा पर मारे जा रहे हैं तो पाकिस्तानी फौज में बगावत के सुर और तेज हो सकते हैं लेकिन अपनी ही फौज से जानकारी छुपाना आने वाले समय मे पाक आलाकमान को भारी पड सकती है.


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