Delhi के पार्कों में गार्डनिंग के लिए होगी Recycled Water की सप्लाई, लगाए जाएंगे डिसेंट्रलाइज्ड- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स
Delhi Government ने राजधानी में डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (D-STP) बनाने की तैयारी की है. पायलट परियोजना के तौर पर जल बोर्ड अभी पांच जगहों पर इसका निर्माण करा रहा है.

Delhi Gardens Will Use Recycled Water For Gardening: दिल्ली के पार्कों में अब गार्डनिंग के लिए रीसाइकल्ड वाटर (Recycled Water) की सप्लाई करेगी. इसके लिए डिसेंट्रलाइज्ड-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (Decentralized- Sewage Treatment Plants) लगाए जाएंगे. दिल्ली के पार्कों में सिंचाई की समस्या को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार डिसेंट्रलाइज्ड-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण करा रही है. दिल्ली सरकार के मुताबिक डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी के जरिये सीवर ओवरफ्लो की समस्या का समाधान होगा. ये प्लांट लगने से ट्यूबेल बंद किए जाएंगे इससे भूजल की भी बचत होगी.
दिल्ली सरकार ने राजधानी में डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (डी-एसटीपी) बनाने की तैयारी की है. पायलट परियोजना के तौर पर जल बोर्ड अभी पांच जगहों पर इसका निर्माण करा रहा है. दिल्ली सरकार (Delhi Government) संदेश विहार मिलाकर कुल पांच जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इन ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण कर रही है. इसमें शेख सराय, रोज गार्डन, प्रह्लादपुर, संदेश विहार, मॉडल टाउन के इलाके शामिल हैं.
क्या है डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सिस्टम ?
डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एक ऐसा मैकेनिज्म है जिसमें एक छोटा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाता है जिसकी मदद से गंदा पानी जहां से आ रहा है उसे उसी जगह ट्रीट किया जा सके. दिल्ली सरकार का लक्ष्य डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी के जरिए दिल्ली के ज्यादा से ज्यादा पार्कों में पानी की सिंचाई की समस्या का समाधान करना है. इस पहल का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर सीवेज के पानी का उपचार करना और इसका उपयोग बागवानी के लिए करना है.
वर्तमान में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थिति शहर के एक हिस्से में है और वहां तक गंदा पानी दूसरी जगह से लाया जाता है. यह काफी खर्चीला होता है. वहीं, दिल्ली के पार्कों में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल या फिर नलकूप के पानी का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा, डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी खाद की खरीद पर खर्च होने वाली राशि की बचत भी करेंगे, क्योंकि रिसायकल्ड पानी में सभी आवश्यक पोषक तत्त्व होंगे और इस प्रकार किसी अतिरिक्त उर्वरक या खाद की आवश्यकता नहीं होगी.
क्या बदल जाएंगे दिल्ली में सिंचाई के पुराने तरीके ?
डिसेंट्रलाइज्ड-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से दिल्ली के पार्कों में सिंचाई के पुराने तरीकों को बदला जाएगा. ये डिसेंट्रलाइज्ड एसटीपी कॉलोनियों के अंदर पार्कों में लगाए जाएंगे. परंपरागत रूप से कॉलोनियों के अंदर सीवर पाइप लाइन का साइज छोटा होता है, जिससे सीवेज ओवरफ्लो होकर पीने के पानी में मिल जाता है और पानी को दूषित कर देता है.
नए डिसेंट्रलाइज्ड- एसटीपी जल प्रदूषण की इस समस्या का समाधान करेंगे क्योंकि सीवरलाइन का काफी पानी डी-एसटीपी में डायवर्ट किया जाएगा. डी-एसटीपी से निकला रीसाइकल्ड पानी गार्डनिंग में इस्तेमाल होगा और अतिरिक्त पानी ग्राउंड वाटर रिचार्ज करने में मदद करेगा.
बड़े एसटीपी से सभी पार्कों में पाइपलाइन बिछाना आसान नहीं है, जबकि कम क्षमता के डिसेंट्रलाइज्ड एसटीपी का निर्माण कम खर्च में संभव है. इसके अलावा कोई अतिरिक्त पाइपलाइन भी बिछाने की जरूरत नहीं पड़ती. पार्कों के आसपास स्थित इलाके का सीवरेज डिसेंट्रलाइज्ड एसटीपी में लाकर शोधित किया जाता है. इससे पार्को की सिंचाई के लिए भूजल की जरूरत नहीं होगी.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

