Red Fort History: मुगल बादशाह शाहजहां (Shahjahan) को स्थापत्य कला में काफी दिलचस्पी थी और उनकी इसी दिलचस्पी की वजह से उन्होंने कई ऐतिहासिक इमारतों (Historical Monument) का निर्माण कराया. इन इमारतों में दिल्ली की जामा मस्जिद, लाल किला, आगरा का किला, आगरा की जामा मस्जिद और मोती मस्जिद शामिल हैं. हर इमारत की अपनी एक कहानी और अहमियत है, लेकिन दिल्ली के लाल किले की बात ही कुछ और है. मुगल बादशाह शाहजहां का बनवाया हुआ लाल किला मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक के शासन की गवाही देता है.
लाल किला वही ऐतिहासिक इमारत है जहां भारत के विभाजन के बाद 14 अगस्त के मध्यरात्रि को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) ने अपना ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टनी' (Tryst with Destiny) दिया था. नेहरू ने यहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया था और तब से अब तक हर साल 15 दिवस को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के प्रधानमंत्री यहां तिरंगा फहराते हैं.
10 सालों में बनकर तैयार हुआ लाल किला
मुगल बादशाह शाहजहां ने साल 1638 में लाल किले की नींव रखी थी. लाल किला का निर्माण उस्ताद अहमद और उस्ताद हामिद ने किया था. इसे बनाने में 10 साल का समय लगा और 1648 में बनकर तैयार हुआ. लाल बलुआ पत्थर से बनी इस खूबसूरत इमारत में शाहजहां ने दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, हीरा महल, रंग महल, खास महल, मोती मस्जिद और हयात बख्श बाग जैसी विशेष जगहें बनवाईं. शाहजहां ने महल के मुख्य कक्ष को चीन के रेशम और टर्की के मखमल से सजाया और इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाए. बादशाह को अपने आशियाने को सजाने के लिए बेशकीमती सजावटी सामानों का इस्तेमाल किया था.
15 सालों तक लाल किले पर रहा मराठों का राज
करीब 200 सालों तक लाल किला पर मुगल बादशाहों की शासन रहा. इसके बाद इसपर अंग्रेजों का कब्जा हो गया. साल 1783 में बघेल सिंह और जस्सा सिंह आहलूवालिया ने भारी सैनिक बल के साथ दिल्ली में हमला बोल दिया था. जिसके बाद 11 मार्च को उन्होंने लाल किले पर कब्जा कर लिया. इसके बाद मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय ने सिखों को तीन लाख रुपए नजराना पेश कर उनके साथ समझौता कर लिया. फिर 1771 से 1788 के बीच मराठों ने दिल्ली पर हमला कर जीत हासिल की और महादजी शिंदे ने लाल किले पर कब्जा कर लिया. 15 साल तक राज करने के बाद वर्ष 1803 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने मराठों को हराकर दिल्ली पर कब्जा कर लिया.
अंग्रेजों ने ब्रिटेन भेजे लाल किले के कोहिनूर
लाल किले के तख्त पर अपनी हुकूमत दर्ज करने का सिलसिला यहीं नहीं रुका. साल 1857 के सैनिक विद्रोह के बाद विद्रोहियों ने लाल किला पर कब्जा कर लिया. हालांकि, 4 महीने बाद ही अंग्रेजों ने उनका तख्ता पलट कर दिया. जब अंग्रेजों ने दोबारा लाल किले को अपने कब्जे में लिया तो उन्होंने बादशाह के तख्त में लगे हीरे और लाल किले की शोभा बढ़ाने वाले कोहिनूर को ब्रिटेन भेज दिया. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने लाल किले को आर्मी हेड क्वार्टर बना लिया था. लाल किला साल 2003 तक भारतीय सेना के हवाले रहा और उसी साल सेना ने इस ऐतिहासिक इमारत को पर्यटन विभाग के हवाले कर दिया. अब लाल किला भारत का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है और लोग देश-विदेश से यहां घूमने आते हैं.
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