(हमारे पाठक रोहित असवाल, दीपक कुमार, अशोक गौड़, सुमित गौड़, अंकित त्रिपाठी, हीरालाल मौर्य, संजीव कुमार, अरविंद कुमार, जैनुल, मुगीश अहमद अंसारी, प्रकाश छेत्री, सुरेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार, शेख मोहम्मद लईक, राजबीर सैनी, संजय मिश्रा, नवीन वर्मा, अवनीश, संजय कुमार शर्मा, नंदलाल झा के पूछे गए सवालों के आधार पर ये लेख लिखा गया है.)


सवाल- मोहम्मद अली जिन्ना कौन थे? उनका भारत की स्वतंत्रता में क्या योगदान है?


मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के संस्थापक थे. उन्हें भारत के बंटवारे का जनक माना जाता है. 1947 में देश के बंटवारे के बाद वो पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने. पाकिस्तान में जिन्ना को 'कायदे आजम' कहा जाता है यानि 'महान नेता'. पाकिस्तान के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले जिन्ना पेशे से वकील थे और उनकी पढ़ाई लंदन में हुई थी.


वकालत के पेशे में कदम जमाने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने राजनीति की राह भी पकड़ी और देश की आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल भी हुए. महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरु से मतभेद के चलते जिन्ना ने कांग्रेस छोड़ दी थी और मुसलमानों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाली उस मुस्लिम लीग में शामिल हो गए थे जिसने भारत के बंटवारे और अलग देश, पाकिस्तान बनाने का नारा बुलंद किया था.


मशहूर लेखक और इतिहासकार रफीक जकारिया के मुताबिक 1937 के पहले तक जिन्ना बड़े स्वतंत्रता सेनानी थे, हिंदू-मुस्लिम एकता के बड़े पैरोकार थे, लेकिन 1937 के बाद उनकी राजनीति की धारा बदल गई और वे मुसलमानों के नेता बन गए.


सवाल- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर कब से लगी है और क्यों लगाई गई है?


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन हॉल में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर 1938 से लगी हुई है. आजादी से पहले 1938 में जिन्ना अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आए थे. तब जिन्ना को यूनिवर्सिटी के छात्र संघ का आजीवन मानद सदस्य बनाया गया था. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सबसे पहला मानद सदस्य 1920 में महात्मा गांधी को बनाया गया था. एएमयू में आजीवन सदस्यता छात्रसंघ की ओर से दी जाती है. हालांकि हर साल जिन लोगों को आजीवन सदस्यता दी जाए, उनकी तस्वीर लगे ये ज़रूरी नहीं है.


सवाल- जिन्ना की तस्वीर को लेकर अभी विवाद क्यों हुआ है?


इस पूरे विवाद की शुरुआत हुई जब अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने AMU में जिन्ना की फोटो पर सवाल उठाते हुए कुलपति को चिट्ठी लिखी. बुधवार को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता जिन्ना की फोटो हटाने के लिए AMU में दाखिल हुए. लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रसंघ जिन्ना की फोटो हटाने को तैयार नहीं है. बुधवार को दोनों तरफ से हुई धक्कामुक्की के बाद पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा.


यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर तनाव बरकरार है. शुक्रवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक यूनियन हॉल में साफ-सफाई के बाद जिन्ना की तस्वीर फिर लगा दी गई थी. विवाद के चलते विश्वविद्यालय में पढ़ाई लिखाई ठप है.


यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा बयान देते हुए कहा है कि जिन्ना ने देश का बंटवारा किया इसलिए भारत में जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.