नई दिल्ली: वायु प्रदूषण और कोविड-19 के मामलों में वृद्धि की दोहरी चुनौती से जूझते हुए दिल्ली के अस्पतालों में खाली बिस्तर तेजी से भरते जा रहे हैं और ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों ने शनिवार को यह जानकारी दी.


इसके अलावा, ज्यादातर बड़े निजी अस्पतालों और केंद्र द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य केंद्रों में वेंटिलेटर की सुविधा वाले आईसीयू बिस्तर भी पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि के चलते भरते जा रहे हैं.

अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली में पहली बार संक्रमण के सात हजार से अधिक मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामले 4.23 लाख से ज्यादा हो गए. इसके साथ ही कोविड-19 के 64 और मरीजों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 6,833 पर पहुंच गई.

विशेषज्ञों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता भी खराब हुई है और लोगों द्वारा सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पहुंचने से महामारी के प्रसार का खतरा बढ़ गया है.

आरएमएल अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक राणा ए के सिंह ने कहा कि अस्पताल में सांस लेने में शिकायत वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है. उन्होंने कहा, “इसके अलावा अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है.”

सिंह ने कहा, “हमारे कोविड और गैर कोविड वार्ड पूरी तरह से भर गए हैं और तत्काल आईसीयू बिस्तरों की व्यवस्था करना संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए उपकरण और लोग चाहिए होते हैं.”

दिल्ली सरकार की वेबसाइट के अनुसार शाम साढ़े छह बजे तक वेंटिलेटर सुविधा वाले 1,253 आईसीयू बिस्तरों में से केवल 250 ही खाली थे.

साकेत के मैक्स अस्पताल में 51 में से चार बिस्तर खाली थे जबकि सर गंगा राम अस्पताल में 45 में से 16 बिस्तर खाली थे.

सेंट स्टीफेन अस्पताल में एक भी बिस्तर खाली नहीं था और आरएमएल अस्पताल में 28 में से छह बिस्तर खाली थे. लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज और अस्पताल में 17 में से 7 बिस्तर खाली थे.

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