नई दिल्लीः तरफ जहां राजधानी दिल्ली दंगे और हिंसा की आग में झुलस रही है तो वहीं कश्मीर से एक राहत वाली खबर सामने आ रही है. पिछले एक साल के आंकड़े बता रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में लगातार कमी आई है. सेना के आंकड़ों की मानें तो कश्मीर में पिछले एक साल में आतंकी हमलों के साथ-साथ आतंकियों की भर्ती में भी कमी आई है. आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2018 में जहां आतंकियों से जुड़ी 318 घटनाएं हुई थीं. वहीं पिछले साल यानि 2019 में 173 घटनाएं हुई. इन घटनाओं में आतंकी हमले, कश्मीर के स्थानीय नेताओं और पंचायत-सदस्यों की हत्याएं और स्थानीय लोगों को डराना धमकाना शामिल है. पिछले साल पुलवामा में हुए बड़े आतंकी हमले को छोड़कर अब तक कोई बड़ा हमला नहीं हुआ है.


सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से आतंकी वारदातों में काफी कमी आई है. इसके साथ ही आतंकियों की भर्ती में भी कमी आई है. वर्ष 2018 में जहां 217 स्थानीय युवक अलग-अलग आतंकी संगठन में शामिल हुए, वहीं 2019 में ये संख्या 119 रह गई.



जानकारी के मुताबिक, पिछले साल मारे गए आतंकियों की संख्या में भी कमी आई है. बीते साल सुरक्षाबलों के साथ हुए अलग-अलग ऑपरेशन्स और एनकाउंटर में 173 आतंकी मारे गए थे. जबकि 2018 में ये आंकड़ा 254 का था. वर्ष 2017 में मारे गए आतंकियों को आंकड़ा 213 था.


सूत्रों की मानें तो पिछले एक साल में अधिकतर आतंकी घटनाएं दक्षिण कश्मीर के तीन जिलों से सबसे ज्यादा हुई हैं. पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में सबसे ज्यादा आतंकी घटनाएं हुईं हैं. सूत्रों के अनुसार ऐसा नहीं है कि कश्मीर में पूरी तरह शांति स्थापित हो गई है. लगातार दक्षिण कश्मीर से ऐसे इंटेलीजेंस इनपुट मिल रहे हैं, जिसमें सुरक्षाबलों पर फिदाइन हमले, सुरक्षाबलों के खाने-पीने के सामान में जहर मिलाने तक के इनपुट मिल रहे हैं. लेकिन इस सबके लिए सुरक्षाबल अतिरिक्त ऐतियाहत बरत रहे हैं.


सेना मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो कश्मीर घाटी में हालात सुधर रहे हैं लेकिन एलओसी पर हालात काफी तनावपूर्ण हैं. क्योंकि पाकिस्तानी सेना लगातार युद्धविराम का उल्लंघन करने के साथ एलओसी पर बसे कुछ खास गांवों को अपना निशाना बना रही है. ये गांव कुछ खास मजहब के हैं तो कुछ ऐसे हैं जिनके रहने वाले भारतीय सेना में पोर्टर इत्यादि का काम करते हैं. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना आतंकियों की मदद से बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) बनाकर भारतीय जवानों को निशाना बनाना चाहती है. पिछले महीने में ऐसी ही दो घटनाएं सामने आई हैं. यहां तक कि भारतीय सेना के स्थानीय कमांडर्स ने इन घटनाओं के बाद पाकिस्तानी सेना को 'प्रोफेशनल-आर्मी' की तरह पेश होने की फटकार लगाई थी.


यही वजह है कि मंगलवार और बुधवार को थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कश्मीर घाटी से सटी एलओसी के गुरेज, केरन और नौगाम सेक्टर का दौरा कर सुरक्षा हालात का जायजा लिया और सैनिकों का उत्साह बढ़ाया.


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