Kiren Rijiju On Regional Languages: चेन्नई में तमिलनाडु डॉ अबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ. इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने शिरकत की. यहां केंद्रीय मंत्री ने भारतीय न्यायपालिका में क्षेत्रीय भाषाओं की भूमिका पर अपनी बात रखी और इसका समर्थन करते नजर आए कि भारतीय न्यायालयों की पाठ्यक्रम गतिविधियों में स्थानीय भाषाएं होनी चाहिए. 


केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, "भारतीय न्यायालयों और कानूनी प्रणाली की पाठ्यक्रम गतिविधियों में क्षेत्रीय भाषाएं होनी चाहिए. मैंने मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों, उच्च न्यायालयों के सभी मुख्य न्यायाधीशों से बात की है कि भविष्य में हमें स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए."


'यहां की अदालतों में तमिल भाषा को देखकर हमें गर्व होगा'


केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "तमिलनाडु में मद्रास उच्च न्यायालय और तमिलनाडु की सभी जिला अदालतों और अधीनस्थ अदालतों में तमिल भाषा को देखकर हमें गर्व होगा." बता दें कि संविधान दिवस के मौके पर भी किरण रिजिजू ने कहा था कि पीएम मोदी की इच्छा के अनुसार कानूनी सामग्री का देश की क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा. इसके लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने मंत्रालय के साथ मिलकर पूर्व सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है.


'कानून के 65,000 शब्दों की शब्दावली तैयार की है'


उन्होंने बताया कि जस्टिस बोबडे की अध्यक्षता वाली समिति कानूनी सामग्री का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करेगी और सभी भारतीय भाषाओं के लिए एक सामान्य कानूनी शब्दावली बनाएगी. किरण रिजिजू ने कहा, "विधायी विभाग ने कानून के 65,000 शब्दों वाली शब्दावली तैयार की है. हम इसे डिजिटाइज करने की योजना बना रहे हैं, ताकि जनता इसका आसानी से उपयोग कर सके. क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित कानूनी शब्दावली को एकत्र करने, डिजिटाइज करने और प्रकाशित करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि यह जनता के लिए उपलब्ध हो सके.


किरण रिजिजू ने कहा, "पीएम मोदी ने कई मौकों पर कहा है कि अदालतों में स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि देश की न्याय व्यवस्था में आम लोगों का विश्वास बढ़े और वे इससे जुड़ाव महसूस करें." 


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