कोविड-19 मरीजों पर कोल्चिसिन के ह्यूमन ट्रायल को मिली मंजूरी, CSIR जांचेगी दवा का असर
रूमेटिक और जोड़ों के दर्द यानी गठिया के इलाज में इस्तेमाल होनेवाली दवा कोल्चिसिन की सुरक्षा के आकलन की अनुमति मिल गई है. दूसरे चरण के मानव परीक्षण में CSIR के दो महत्वपूर्ण संस्थान शामिल हैं.
सटीक इलाज की खोज में कोविड-19 के मरीजों पर कई पुनर्निमित दवाओं का इस्तेमाल और परीक्षण किया जा रहा है. सूजन रोधी दवा कोल्चिसिन को भी कोविड-19 के संभावित इलाज के तौर पर देखा जा रहा है. किफायती, आसानी से उपलब्ध कोल्चिसिन रूमेटिक और जोड़ों के दर्द यानी गठिया के इलाज में इस्तेमाल होनेवाली दवा है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोविड-19 मरीजों के इलाज में दवा की जांच करने को मंजूरी दे दी है.
कोविड-19 मरीजों पर कोल्चिसिन के मानव परीक्षण की मिली मंजूरी
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद और हैदराबाद के लक्षाई लाइफ साइंसेज प्रा. लिमिटेड परीक्षण करेंगी. दूसरे चरण के मानव परीक्षण में कोविड-19 मरीजों के लिए दवा के प्रभाव और सुरक्षा का पता लगाया जाएगा. सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी), हैदराबाद और सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम), जम्मू महत्वपूर्ण मानव परीक्षण में भागीदार होंगे. लक्षाई लाइफ साइंसेज के मुख्य कार्यकारी डॉक्टर राम उपाध्याय ने बताया कि परीक्षण के लिए मरीजों का नामांकन पहले ही भारत के कई जगहों पर शुरू हो चुका है और अगले 8-10 सप्ताहों में उसके पूरा होने की उम्मीद है.
परीक्षण के नतीजे, नियामक मंजूरी के आधार पर दवा मिलने की उम्मीद
कई अंतरराष्ट्रीय रिसर्च से संकेत मिला है कि कोरोना संक्रमण और पोस्ट-कोविड सिंड्रोम के दौरान हृदय संबंधी जटिलताओं से कई मरीजों की जान चली गई है. डीसीजीआई की मंजूरी मिलने से जरूरी हो गया है कि नई या पुनर्निमित दवाओं को ढूंढा जाए. सीएसआईआर के विशेषज्ञों का मानना है कि कोल्चिसिन दवा कार्डिएक को-मोर्बिडीटीज वाले कोविड मरीजों और प्रोइन्फ्लेमेटरी साइटोकिन्स को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण चिकित्सीय हस्तक्षेप होगा, जिससे जल्दी रिकवरी होगी. भारत कोल्चिसिन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इसका मतलब हुआ कि अगर दवा कोविड-19 के इलाज में प्रभावी पाई जाती है, तो ये कोविड-19 के मरीजों को किफायती दर पर उपलब्ध होने की संभावना है.
पिछले हफ्ते CSIR ने लक्षाई लाइफ साइंसेज प्रा. लिमिटेड के साथ मिल कर कोविड-19 के इलाज के लिए कीड़ा रोधी दवा निक्लोसामाइड के दूसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू करने का एलान किया था. CSIR ने कहा कि पूर्व में निक्लोसामाइड का बड़े पैमाने पर वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में इस्तेमाल होता रहा है. इस दवा के सुरक्षा पहलू की जांच की गई है और अलग-अलग डोज लेवल पर मानव सेवन के लिए सुरक्षित पाया गया.
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