जमशेदपुर: झारखंड के जमशेदपुर के रहने वाले एक शख्स को सद्दाम हुसैन नाम होने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. नौकरी ढूंढ रहे इस शख्स को अबतक 40 बार नौकरी देने से इनकार किया जा चुका है.

दो साल बाद भी खाली बैठे हैं सद्दाम

‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के मुताबिक, सद्दाम हुसैन नाम का ये शख्स पैशे से मरीन इंजीनियर है. सद्दाम हुसैन ने तमिलनाडु की नूरुल इस्लाम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की है. लेकिन पढ़ाई पूरे करने के दो साल बाद तक भी वह खाली बैठे हैं. क्योंकि उन्हें कोई नौकरी नहीं दे रहा है.

सद्दाम ने किया अपना नाम बदलने का फ़ैसला

दरअसल इस शख्स का नाम इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन  के नाम पर है. उनके दादा ने उनका नाम सद्दाम हुसैन रखा था. अब बार-बार नौकरी से इनकार किए जाने पर उन्होंने अपना नाम बदलने का फ़ैसला किया है.

इसके लिए सद्दाम हुसैन ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है. सद्दाम का कहना है, ‘’शायद लोग मुझे नौकरी देने से इसलिए डरते हैं कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर अप्रवासन अधिकारियों से सद्दाम हुसैन का सामना होगा तो क्या होगा ?

अब खटखटाया अदालत का दरवाज़ा

अब साजिद बन चुके सद्दाम ने शिक्षण विभाग सेकेंड्री स्कूल के प्रमाणपत्रों में अपना नाम बदलवाने के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है. इसकी सुनवाई पांच मई को होनी है. दरअसल सद्दाम नए नाम के साथ कंपनियों के सामने साबित नहीं कर पा रहे कि स्कूल के जो सर्टिफ़िकेट हैं वो उनके हैं.

कौन था सद्दाम हुसैन

सद्दाम हुसैन इराक का तानाशाह था. सद्दाम हुसैन  को मानवता के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के मामले में दोषी ठहरा कर मौत की सजा दी गई थी. सद्दाम हुसैन को 30 दिसंबर 2006 को फांसी पर लटका दिया गया था.