एक तरफ राम तो दूसरी तरफ मुसलमान! इस तरह पीएम मोदी बने ‘भाईजान’
PM Modi Relation With Muslims: पीएम मोदी और मुसलमानों के रिश्ते उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद बेहद मजबूत हुए हैं. इसे वैश्विक पटल पर भी देखा जा सकता है.
PM Modi Relation With Muslims: सिर्फ 12 दिन बाद अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होने वाला है और दूसरी तरफ गुजरात में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो किया है. पीएम मोदी और यूएई के राष्ट्रपति के साथ आई तस्वीर इस बात की मिसाल है कि मोदी जितने हिंदुओं के हैं उतने ही मुसलमानों के भी हैं.
इस रिपोर्ट में जानेंगे कि कैसे मोदी और मुसलमानों का रिश्ता मजबूत हुआ है कैसे वैश्विक पटल पर मुस्लिम देश के नेताओं ने इस बात पर मुहर लगाई है.
अयोध्या में बनकर तैयार भगवान राम का ये वो मंदिर है जिसके साथ करोड़ों हिंदुस्तानियों की दशकों पुरानी हसरत के पूरा होने का अरमान जुड़ा हुआ है. आस्था के समंदर में भावनाओं का ऐसा ज्वार है कि मंदिर और राम के नाम में मानो पूरा देश ही डूबा हुआ है. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अयोध्या का राम मंदिर बीजेपी का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक है. माना जा रहा है कि राम मंदिर मुद्दे का बीजेपी को 2024 के चुनाव में बड़ा फायदा मिलेगा.
एक तरफ मोदी के राम हैं तो दूसरी तरफ देश के मुसलमान
अहमदाबाद की सड़कों पर पर जब यूएई के राष्ट्रपति के साथ मोदी के रोड शो का काफिला निकला तो सिर्फ देश के मुसलमानों को ही संदेश नहीं गया बल्कि पूरी दुनिया को मैसेज गया कि मोदी ने मुसलमानों का भरोसा जीत लिया है. मौका वाइब्रेंट गुजरात समिट का है जब दुनिया भर से मेहमान गुजरात पहुंच रहे हैं और उनके स्वागत में पूरा गांधीनगर रोशनी से नहाया हुआ है.
वाइब्रेंट गुजरात की बैठक का सिलसिला 10 जनवरी से शुरू होगा लेकिन बैठक से ठीक पहले मंगलवार शाम को आई इस तस्वीर ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. यूएई के राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर स्वागत करने के बाद गांधीनगर की सड़कों पर करीब तीन किलोमीटर लंबा पीएम मोदी का रोड शो निकला.
यूएई के राष्ट्रपति की प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस मौजूदगी के कई मायने हैं. दोनों मुल्कों को एक दूसरे के साथ की जरूरत है लेकिन ये तस्वीर इस बात पर मुहर लगाती है कि दुनिया भर के अरब मुल्कों के बीच कैसे इस बात को लेकर विश्वास बढ़ा है कि मोदी की सरकार में मुसलमानों के हितों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
‘मुसलमानों पर गलत बयानबाजी न करें’
देश के प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ और सबका विकास वाले नारे की बात करते हैं. ठीक एक साल पहले पीएम मोदी ने अपनी पार्टी से साफ-साफ कहा था कि मुसलमानों को लेकर गलत बयानबाजी न करें. पसमांदा मुसलमानों तक अपनी पहुंच बनाएं. पीएम मोदी ने बैठक में कहा था कि मुसलमान हमको वोट दें या न दें लेकिन संपर्क सबसे बनाएं.
भारत में कितने मुसलमान?
दरअसल 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की कोशिश अपने लिए नया वोट बैंक बनाने की है और इसी कड़ी में पार्टी पिछड़े मुस्लिमों को साधने की कोशिश में जुट गई है. 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में करीब 17 करोड़ मुस्लिम हैं. मौजूदा वक्त में देश में मुसलमान करीब 20 करोड़ हैं. जिसमें पसमांदा मुसलमान करीब 85 फीसदी हैं. यानि 15 करोड़ से ज्यादा. अकेले उत्तर प्रदेश में ही 3 करोड़ 20 लाख पसमांदा मुसलमान हैं.
पसमांदा मुसलमानों ने भी पेश की मिसाल
मोदी सरकार की आवास और राशन जैसी योजनाओं का फायदा भी पसमांदा मुसलमानों को मिल रहा है. देश के आम मुसलमान मोदी की इन योजनाओं का फायदा मिलने की बात भी स्वीकार कर रहे हैं. और मौजूदा वक्त में मुसलमानों के बीच किस तरह का सेंटीमेंट है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों ने यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को एक चिट्ठी सौंपी है और इसमें लिखा है कि पसमांदा मुस्लिम समाज ने तय किया है कि 22 जनवरी 2024 यानि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम वाले दिन ये लोग मीट की दुकान बंद रखेंगे.
और ये कोई अकेली मिसाल नहीं है. मुंबई से अयोध्या के लिए 1778 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर शबनम निकली हैं. उनके कंधे पर केसरिया ध्वज, पीठ पर राम मंदिर की तस्वीर और जय श्रीराम का नारा लिखा हुआ बैनर साथ है. शबनम कहती हैं, “मैं सभी को यही संदेश देना चाहती हूं जो रामजी को नेगेटिव वे में लेते हैं वे पॉजीटिव वे में लें, जन्मों के पाप धुल जाएंगे.”
मुंबई से शबनम अयोध्या के लिए पैदल ही कूच कर चुकी हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की रहने वाली रूबी आसिफ खान ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर घर में राम दरबार की स्थापना की है. तो देश में राम मंदिर को लेकर मुसमलानों के बीच भी किस तरह का सेंटीमेंट है इसकी कई मिसालें सामने आ रही हैं और मोदी की रणनीति से विपक्ष में हड़कंप मचा हुआ है. विपक्ष को समझ में ही नहीं आ रहा है कि बीजेपी के राम मंदिर वाले दांव का जवाब कैसे दे.
हड़कंप क्यों और कैसे मचा हुआ है?
पहला - यूपी कांग्रेस के नेताओं ने 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले 15 जनवरी को अयोध्या में राम लला के दर्शन का फैसला किया है.
दूसरी- कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने 22 जनवरी के दिन राज्य के सभी मंदिरों में विशेष पूजा करवाने के आदेश दिए हैं.
विपक्ष में हड़कंप की तीसरी मिसाल है एक तस्वीर- जहां लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ्तर के बाहर भगवान राम के ऐसे बड़े बड़े पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें लिखा है- कि आ रहे हैं हमारे आराध्य- प्रभु श्रीराम.
पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद कैसे बदली तस्वीर
ये नजीर इस बात की है कि कैसे कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी के बीच खलबली मची हुई है और कैसे राम के नाम पर राजनीति 360 डिग्री के एंगल पर घूमती हुई दिख रही है. वैसे मोदी की राजनीति पर सिर्फ विपक्ष की नजर नहीं है. पूरी दुनिया की नजर इस वक्त हिंदुस्तान पर है. 2024 के चुनाव नतीजों को लेकर भविष्यवाणी की जा रही है. मोदी के सत्ता में आने के बाद तस्वीर कैसे और कितनी बदली है अब वो जानते हैं.
करीब 700 करोड़ की लागत से अबू धामी में बना ये पश्चिमी एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. अबू धाबी की जमीन पर बनकर तैयार हो रहा ये वो मंदिर है जो 108 फीट ऊंचा होगा. 55 हजार वर्गमीटर में बन रहे इस मंदिर को भारतीय कारीगरों ने ही तराशा है.
एक महीने बाद 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अबू धाबी के इस मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे. पीएम मोदी न्योता स्वीकार कर चुके हैं. अबू धाबी में बन रहे पहले हिंदू मंदिर से मोदी का खास रिश्ता है वो रिश्ता क्या है इसके लिए साल 2015 के उनके दौरे का जिक्र करना होगा.
पीएम मोदी यूएई का 2015 का दौरा
करीब 8 साल पहले मोदी का यूएई दौरा बेहद खास था क्योंकि पूरे 34 साल बाद यूएई किसी भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहा था. और अपने इसी ऐतिहासिक दौरे में ही पीएम मोदी ने तमाम राजनीतिक चर्चाओं के बीच वहां की सरकार के सामने यूएई की राजधानी अबू धाबी में एक हिन्दू मंदिर बनाने की पेशकश रख दी. नतीजा ये हुआ कि यूएई ने मंदिर के लिए हां कर दी.
साल 2018 में स्वामी नारायण मंदिर की आधारशिला पीएम मोदी के हाथों ही रखवाई गई थी और देखते ही देखते भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो गया. अब 14 फरवरी 2024 को पीएम मोदी इसी भव्य मंदिर का उद्घाटन करने अबू धाबी जाएंगे.
पीएम मोदी का यूएई का कार्यक्रम
13 फरवरी को पीएम मोदी यूएई पहुंचेंगे. कार्यक्रम का नाम अहलान मोदी रखा गया है. अहलान मोदी मतलब नमस्ते मोदी. ये कार्यक्रम शेख जायद स्टेडियम में रखा जाएगा. उसके बाद पीएम मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी में बने भव्य मंदिर उद्घाटन करेंगे. अबू धाबी में बन रहा ये भव्य मंदिर इस बात पर मुहर लगा रहा है कि मोदी कैसे सनातन का सपना साकार कर रहे हैं.
विदेशी मीडिया ने भी बांधे तारीफों के पुल
सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में भी इस बात की चर्चा हो रही है कि 2024 में मोदी ही सत्ता में वापसी करेंगे. न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि मोदी की सत्तारूढ़ पार्टी ने उत्तरी बेल्ट पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. जबकि ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने लिखा कि आगामी लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए लगातार तीसरी बार जीतना लगभग तय है.
अमेरिका और ब्रिटेन के साथ-साथ चीन ने भी मोदी की खुलकर तारीफ की है. अब जरा इस बात को भी समझिए कि दुनिया के साथ-साथ मोदी देश के मुसलमानों का भरोसा कैसे जीत रहे हैं?
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी लक्षद्वीप के दौरे पर थे.. लक्षद्वीप वो केंद्र शासित प्रदेश है जहां 97 फीसदी आबादी मुसलमानों की है और मोदी ने यहां विकास की नई गंगा बहा दी. सिर्फ देश के मुसलमानों को फायदा पहुंचाने के लिए पीएम मोदी ने शादी शगुन योजना से लेकर उस्ताद योजना तक शुरू की है.
जिसमें शादी से पहले ग्रेजुएशन करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 51 हजार की राशि शगुन के तौर पर दी जाती है और उस्ताद योजना के तहत मुस्लिम कारीगरों को ज्यादा एक्सपर्ट बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है. ईदी योजना के तहत 5 करोड़ मुस्लिम छात्र छात्राओं को 'प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति' देने की स्कीम है.
मोदी मुसलमानों के लिए क्या कर रहे हैं ये उन तक पहुंचाने और संवाद के लिए ही यूपी बीजेपी शुक्रिया मोदी भाईजान के नाम से 15 जनवरी से कार्यक्रम शुरू कर रही है.