मुंबई: लॉकडाउन के बीच सब कुछ बंद है. हालांकि इस लॉकडाउन में दूध घरों तक पहुंच रहा है लेकिन पहले की तुलना में बाजार पूरी तरह से टूट चुका है. अब इस स्थिति के बीच में दूध उत्पादकों को भारी घाटे से बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने फैसला लिया है कि 127 करोड़ रुपए खर्च करके वह 4 करोड़ लीटर दूध का पाउडर बनाएगी. पूरे महाराष्ट्र में सरकारी अधिकारी दूध इकट्ठा करेंगे जिसके बाद इस का पाउडर बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी.


कोरोना के चलते होटल से लेकर रेस्टोरेंट तक सब कुछ बंद हैं. ना मिठाई बन रही है और ना दूध का कोई बड़ा लेनदेन हो रहा है, जिसके चलते बाजार से 17 लाख लीटर दूध की कमी आई है और उत्पाद को भी नुकसान हो रहा है. सरकार ने राहत देते हुए अब अगले 2 महीने तक अतिरिक्त 4 करोड़ लीटर दूध के मिल्क पाउडर में बदलने का फैसला लिया है. सोमवार को मंत्रिमंडल में फैसला लेने के बाद इस पर काम भी शुरू किया जा चुका है.


कैबिनेट के इस फैसले को महाराष्ट्र राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ लागू करेगी. संस्था की ओर से सरकार और समितियों से दूध इकट्ठा किया जाएगा. उत्पादक को कुल मिलाकर 25 रुपये प्रति किलो तक दूध का दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.


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