नई दिल्लीः मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला करते हुए गन्ना किसानों को तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों के लिए खरीद मूल्य बीस रूपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. अब गन्ना किसानों का गन्ना कम से कम 275 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जाएगा जो पहले 225 रुपये था. आने वाले 2019 चुनाव के लिए मोदी सरकार का ये कदम उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को लुभाने के लिए बड़ा दांव साबित हो सकता है. अब चीनी मिलों को इसी कीमत पर किसानों से गन्ना ख़रीदना होगा.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने इस बात का फैसला किया है. खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कैबिनेट को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें गन्ने की कीमत में 20 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया गया था जिसे स्वीकार कर लिया गया है. केंद्र सरकार ने 2018-19 के अगले पेराई सत्र के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. इससे देश भर के हजारों गन्ना किसानों को राहत मिलेगी.
इससे पहले मोदी सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ा फैसला करते हुए फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी इजाफा किया था. सरकार ने इसी महीने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाया था.
गन्ने की कीमत को एफआरपी यानि Fair & Remunerative Price कहते हैं और इसे हर साल गन्ने की खेती के सीज़न शुरू होने से पहले घोषित किया जाता है. कई बार राज्य सरकारें गन्ने की एफआरपी के अतिरिक्त किसानों को बोनस भी देती हैं. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की सरकारें गन्ना किसानों को बोनस देती आई हैं. कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने देश के क़रीब 150 गन्ना किसानों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याएं सुनी थी. किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में चीनी मिलीं पर बकाया शामिल था. चीनी मिलों पर किसानों का बकाया लगभग 23000 करोड़ पहुंच गया था.