हरिद्वार में चल रहे आस्था व विश्वास के कुंभ मेले को कोरोना के सबसे बड़े हॉटस्पॉट के खतरे के रुप में देखा जा रहा है क्योंकि वहां पिछले दो दिन में संक्रमण फैलने की रफ़्तार बेहद तेजी से बढ़ी है.इस बीच आज से रमजान का पवित्र महीना भी शुरु हो गया है,ऐसे में आस्था के सैलाब को सड़कों पर आने से रोक पाना,पुलिस व  प्रशासन के लिये किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.लिहाजा स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञ इसके लिए प्रशासन से ज्यादा लोगों की लापरवाही को दोषी ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना के ख़ौफ़ के आगे अगर अपनीआस्था के जोश का प्रदर्शन करना ज्यादा अहम है,तो मतलब साफ है कि लोगों को अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है.


सोमवार को अमावस्या के दिन हरिद्वार में हुए दूसरे शाही स्नान पर साधु-संतों के विभिन्न अखाड़ों समेत लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया था.उसके बाद से यहां कोरोना संक्रमित पाये जाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.अकेले हरिद्वार में ही दो दिन में एक हजार से ज्यादा नये मामले आये हैं.ये तो वे मामले हैं जिन्होंने खुद अपनी इच्छा से कोरोना की जांच कराई. जरा उनकी संख्या के बारे में सोचिये,जो कोई टेस्ट कराये बगैर और यह जाने बगैर अपने घरों को लौट गये कि उन्हें भी संक्रमण हो सकता है.


सबसे ताजी मिसाल यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कोरोना संक्रमित होना है.वे हाल ही में इस कुंभ मेले में हिस्सा लेकर वापस लखनऊ पहुंचे थे,जहां जांच कराने के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. खुद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. फिलहाल उन्होंने खुद को घर में क्वारंटाइन किया है. इसके अलावा अखाड़ा परिषद के मंहत नरेंद्र गिरि भी कोरोना संक्रमित हैं और ऋषिकेष के ऐम्स में उनका इलाज चल रहा है.इसलिये विशेषज्ञों की इस आशंका को झुठलाया नहीं जा सकता कुंभ में हिस्सा ले रहे बहुत सारे लोग कोरोना संक्रमित होंगे और फिर अपने शहरों और गांवों में जाकर वहां भी महामारी फैलाएंगे.


उत्तराखंड में चल रहे हरिद्वार कुंभ मेले में देश-दुनिया के लाखों लोग मौजूद हैं. इस मेले में कोरोना का संक्रमण भी बहुत तेजी से फैल रहा ह.मंगलवार को यहां कोरोना वायरस के 594 नए मामले सामने आए, जिससे शहर में कुल सक्रिय मरीज बढ़कर 2,812 हो गए. यहां के घाटों पर भक्तों का तांता लगा रहता है. देशभर से लोग यहां गंगा नहाने पहुंच रहे हैं.लोगों का परिवार, जिसमें महिला-बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं,वे सब कुंभ मेला सेलिब्रेट कर रहे हैं. लाखों की भीड़ में कौन संक्रमित है ये पता लगाना बड़ा मुश्किल है. जिन लोगों में वायरस की पुष्टि हो जाती है, वही नजर में आता है.


बताते हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कोविड प्रोटोकॉल की पालना किसी भी तरह नहीं की गई. शाही स्नान (अनुष्ठानिक स्नान) के दिन सोमवार को लगभग एक लाख लोग एकत्रित हुए थे. लोगों को बिना मास्क के देखा गया. 


उल्लेखनीय है कि कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कुंभ मेले को रद्द करने की अपील की थी लेकिन सरकार ने ये कहते हुए मेले के आयोजन की अनुमति दी कि कोरोना के मद्देनज़र जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.


कुंभ मेला आईजी पुलिस संजय गुंजयाल कहते हैं "हम लोगों से लगातार कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं. लेकिन यहां काफी भीड़ है और चालान करना असंभव है."उनके मुताबिक अगर पुलिस जबरन लोगों को घाटों पर सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करने के लिए कहती हैं तो यहां पर "भगदड़ जैसी स्थिति पैदा" हो सकती है


कुंभ मेले से पहले सरकार ने कहा था कि मेले में उन्हीं को आने की अनुमति दी जाएगी जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव होगी और मेले में शिरकत करने वालों को कोरोना के कारण लागू किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करना पड़ेगा.लेकिन यह शर्त हटा ली गई.


प्रशासन की मुश्किल यह भी है कि जहां लाखों की भीड़ हो,वहां सभी का टेस्ट भला कैसे होगा.स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मुताबिक, इस दौरान रविवार रात 11:30 बजे से सोमवार शाम पांच बजे तक 18169 श्रद्धालुओं का कोरोना टेस्‍ट किया गया, जिसमें से 102 पॉजिटिव पाए गए.