एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर विदेश में प्रतिबंधित होने के बाद अब इसके प्रोडक्शन को भी बढ़ाने के लिए कहा गया है. वर्तमान में इसकी कीमत 3500 रुपये है लेकिन प्रोडक्शन में बढ़ोतरी के साथ इसकी कीमत को भी बहुत घटाया जाएगा. देश के विभिन्न हिस्सों में रेमडेसिविर की भारी कमी को देखते हुए सरकार ने इसकी घोषणा की है. गौरतलब है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है.
देश में कोरोना संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि के कारण इसकी मांग काफी बढ़ गई है. एक दिन पहले सरकार ने केमिस्ट शॉप में इसकी बिक्री को भी प्रतिबंधित कर दिया था. सरकार ने कहा था कि सिर्फ अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले कोविड मरीजों को ही यह इंजेक्शन दिया जाए. बाकी अन्य जगहों पर कहीं भी रेमडेसिविर नहीं दिया जाए.
प्रति महीने 80 लाख वॉयल
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि सरकार ने फैसला किया है कि रेममडेसिविर का प्रोडक्शन और सप्लाई को बढ़ाया जाए. इसके साथ ही इसकी कीमत में भारी कमी की जाए. उन्होंने कहा कि दवा निर्माता कंपनियों से इस महीने से प्रति महीना 80 लाख वॉयल बनाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि इसी सप्ताह से कंपनियां इसकी कीमत 3500 रुपये प्रति इंजेक्शन से कम करेंगी.
महाराष्ट्र, गुजरात में भारी कमी
मंडाविया ने कहा कि देश में कोरोना के मामले कम हो जाने के बाद दवा कंपनियों ने फरवरी से इसके प्रोडक्शन को कम कर दिया था. लेकिन देश में अचानक कोरोना के मामले बढ़ने लगे. इसके कारण रेमडेसिविर की मांग बढ़ गई और इसकी कमी होने लगी. लेकिन नेशनल ड्रग कंट्रोलर और रसायन एवं उर्वर मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों से बैठक की है. बैठक के बाद रेमडेसिविर के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में रेमडेसिविर की बहुत कमी हो गई है क्योंकि इन राज्यों में कोविड-19 के मामले भी रिकॉर्ड तेजी से बढ़ रहे हैं.
सिर्फ गंभीर रोगियो के लिए रेमडेसिविर
इससे पहले नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी. के. पॉल ने कहा था कि रेमडेसिविर का उपयोग सिर्फ उन्हीं मरीजों के लिए किया जाए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती रखने की जरूरत है और जिन्हें बाहर से ऑक्सीजन दिया जा रहा है. यह एक पूर्व शर्त है. घर पर रह रहे रोगियों और हल्के लक्षणों वाले संक्रमण के मामलों में इसके उपयोग का कोई सवाल ही नहीं है तथा इसे दवा दुकान से नहीं खरीदना है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के लिए क्लीनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल में बीमारी के मध्यम स्तर वाले रोगियों में रेमडेसिविर के उपयोग की सिफारिश की है.