Remote Voting Machine: प्रवासी कामगारों के लिए रिमोट वोटिंग मशीन शुरू करने के प्रस्ताव का विरोध करने के विभिन्न विपक्षी दलों के फैसले के बीच चुनाव आयोग ने सोमवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस विषय पर विभिन्न दलों के साथ चर्चा शुरू की. इस दौरान चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग मशीन के प्रोटोटाइप का डेमो नहीं दे सका क्योंकि विपक्ष ने इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. विपक्ष ने पहले भी इस तरह की प्रणाली को लागू करने की आवश्यकता पर सवाल उठाया था.


सोमवार को पोल वॉचडॉग बैठक के दौरान रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) के प्रोटोटाइप का डेमो नहीं हुआ. बैठक में 8 राष्ट्रीय और 40 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और महासचिवों ने भाग लिया था. पिछले महीने, ईसीआई (ECI) ने मतदान न करने वाले मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करने के हर प्रयास के व्यापक उद्देश्यों पर एक दिन की चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.


चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया, "राजनीतिक दलों के 80 से अधिक प्रतिनिधियों ने धैर्यपूर्वक एक-दूसरे को सुना. उन्होंने सर्वदलीय चर्चा के लिए ईसीआई की पहल की सराहना भी की और भविष्य में नियमित आधार पर इस तरह की और चर्चाओं का सुझाव दिया."


अधिकारी ने कहा, "दूरस्थ मतदान के लिए कानूनी, प्रशासनिक पहलुओं और तार्किक चुनौतियों से संबंधित सभी मामलों पर चर्चा की गई. कुछ राजनीतिक दलों ने राज्यों में आरवीएम के प्रदर्शन की मांग की, जबकि अन्य चाहते थे कि मामले को आगे बढ़ाने से पहले घरेलू प्रवासियों की अवधारणा को परिभाषित किया जाए."


RVM को लेकर चुनाव आयोग ने क्या कहा?


29 दिसंबर को ईसीआई ने कहा कि उसने घरेलू प्रवासियों के लिए एक बहु-निर्वाचन क्षेत्र की रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का एक प्रोटोटाइप विकसित किया है, जो मतदाता भागीदारी को बढ़ावा दे सकता है और मतदान के लिए चुनाव के दौरान गृह जिलों की यात्रा की समस्याओं को समाप्त कर सकता है.


आयोग ने इससे पहले, 31 जनवरी तक विभिन्न मुद्दों पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिखित विचार मांगे थे, जैसे घरेलू प्रवासियों के लिए कानून में आवश्यक बदलाव, प्रशासनिक प्रक्रियाओं और मतदान पद्धति/आरवीएम/प्रौद्योगिकी में बदलाव. सोमवार को चुनाव आयोग ने समय सीमा को बढ़ाकर 28 फरवरी कर दिया.


रिमोट वोटिंग मशीन का फायदा?


बता दें कि अभी एक मतदाता को अपना वोट डालने के लिए शारीरिक रूप से उस जिले की यात्रा करनी पड़ती है जहां वे एक पंजीकृत मतदाता है, लेकिन अगर नई पहल लागू की जाती है तो प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिले की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी और इसके बजाय रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल कर सकेंगे.


विपक्ष ने उठाए कई सवाल


सोमवार को सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी दलों ने आरवीएम की प्रभावकारिता, पारदर्शिता और व्यवहार्यता पर सवाल उठाया. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "ईसीआई ने एक नोट तैयार किया है और हमें एक प्रेजेंटेशन दिया गया है, लेकिन वे खुद भ्रमित हैं." उन्होंने कहा कि जब प्रवासी मजदूरों का कोई सर्वे ही नहीं है तो वे उन्हें सुविधाएं कैसे प्रदान कर सकते हैं?


'मशीन को हैक किया जा सकता है'


दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, "मेरा विश्वास कीजिए, ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की प्रभावकारिता पर ही एक बड़ा सवाल है. मशीन को हैक किया जा सकता है. अगर रिजर्व बैंक ऑफ नेशन्स के अकाउंट को हैक कर पैसा चुराया जा सकता है तो ईवीएम मशीन क्या है." विपक्षी दलों ने पहले भी कई बार चुनाव के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.


आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?


आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने भी आरवीएम की जरूरत पर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के और भी तरीके हैं. उन्होंने कहा, "हम आरवीएम का उपयोग करके पात्र प्रवासी मतदाताओं के बीच विभिन्न राज्यों में कैसे प्रचार करेंगे? जब एक सीट पर उपचुनाव होता है... आरवीएम स्वीकार्य नहीं है."


RJD ने भी जताई आपत्ति


राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता मनोज झा ने भी कहा कि बैठक के दौरान कई आपत्तियां उठाई गईं. उन्होंने कहा, "भारतीय जनता पार्टी (BJP) को छोड़कर सभी दलों ने बैठक के दौरान आपत्ति जताई, इसलिए प्रोटोटाइप का प्रदर्शन नहीं हुआ... लिखित प्रतिक्रिया की समय सीमा 31 जनवरी से बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी गई है."


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