भारत उन 6 देशों में जहां खसरा की वैक्सीन न लेने वाले शिशुओं की संख्या सबसे ज्यादा- रिपोर्ट
2016 में खसरे के मामलों में दर्ज की गई ऐतिहासिक कमी की तुलना 2019 के आंकड़ों से करने पर रिपोर्ट के लेखक का कहना है कि, खसरा युक्त टीके (MCV1 और MCV2) की दो खुराक के साथ समय पर बच्चों का टीकाकरण न होने की वजह से मौत के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.
हर देश में खसरा के मामलों में वृद्धि की गई है दर्ज ‘प्रोग्रेस टूवार्ड्स रीजनल मीजल्स एलिमिनेशन वर्ल्डवाइड 2000-2019 ’शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि, 2019 में दुनिया भर में मामलों की संख्या बढ़कर 8,69,770 हो गई, जो 1996 के बाद से सभी डब्ल्यूएचओ क्षेत्रों में वृद्धि के साथ दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है. 2016 में वैश्विक खसरे से होने वाली मौतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक अनुमान के मुताबिक अकेले 2019 में 2,07,500 जिंदगिया काल के गाल में समा गईं. रिपोर्ट की माने तो किसी एक देश या किसी एक क्षेत्र में मामलों में वृद्धि दर्ज नहीं की गई है बल्कि ये लगभग हर देश में दर्ज किए गये हैं. पूरी दुनिया में इसके साढ़े आठ लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
समय पर टीकाकरण न होने की वजह से हो रही मौतें 2016 में खसरे के मामलों में दर्ज की गई ऐतिहासिक कमी की तुलना 2019 के आंकड़ों से करने पर रिपोर्ट के लेखक का कहना है कि, खसरा युक्त टीके (MCV1 और MCV2) की दो खुराक के साथ समय पर बच्चों का टीकाकरण न होने की वजह से मौत के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.
टीकाकरण कवरेज 95 प्रतिशत तक पहुंचे डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस का कहना है कि, “हम जानते हैं कि खसरा के प्रकोप और मौतों को कैसे रोका जा सकता है,” हालांकि इन आंकड़ों से स्पष्ट संदेश जाता है कि हम दुनिया के हर क्षेत्र में बच्चों को खसरे से बचाने में नाकाम हो रहे हैं. डब्लयूएचओ प्रमुख के मुताबिक, हमें सामूहिक रूप से देशों को समर्थन देने और समुदायों को हर जगह तक पहुंचाने के लिए काम करना चाहिए, हर जगह खसरे के टीके के साथ और इस घातक वायरस को रोकना चाहिए.
उन्होंने कहा कि खसरे पर नियंत्रण और मौतों को रोकने के लिए जरूर है कि MCV1 और MCV2 के साथ टीकाकरण कवरेज दर 95 प्रतिशत तक पहुंचनी चाहिए और राष्ट्रीय और उप-स्तर पर बनाए रखी जानी चाहिए.
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