जानिए आखिर रेलवे को नए साल पर क्यों बढ़ाना पड़ा किराया, ये है वजह
वित्त वर्ष 2017-18 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो 10 सालों में सबसे खराब रहा था. यानी रेलवे को 100 रुपए कमाने के लिए 98.44 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. मौजूदा वक्त में भारतीय रेलवे 2 हजार करोड़ के घाटे में है.
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने रेल किरायों में बढ़ोतरी की है. रेलवे के आदेश के मुताबिक, पैसेंजर के बेसिक किराए में बढ़ोतरी की गई है. नॉन सब-अर्बन किराए में 1पैसे/KM की बढ़ोतरी की गई है. बढ़ी हुई दरें आज से लागू हो गई हैं.नॉन एसी ट्रेन और मेल एक्सप्रेस के भाड़े में दो पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है. वहीं एसी क्लास के भाड़े में चार पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है. यह शुल्क शताब्दी और राजधानी ट्रेनों पर भी लागू होगा. जानें रेलवे को आखिर किस वजह से किराए में बढ़ोत्तरी करनी पड़ी है?
रेलवे ने बताई किराया बढ़ाने की वजह
रेल यात्रियों की ओर हमेशा ऐसी शिकायतें सामने आती रहती हैं कि रेलवे सिर्फ किराया बढ़ाता है और एक आम यात्री को सुविधाएं मुहैया कराने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता. वैसे इस बार रेलवे की तरफ से किराया बढ़ाए जाने के पीछे वजह भी बताई गई है.
रेलवे का कहना है कि यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए किराए में मामूली बढ़ोतरी की गई है. बढ़े किराए से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल स्टेशन और रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने में किया जाएगा. वक्त-वक्त पर रेलवे की तरफ से किराया बढ़ाया जाता रहा है, लेकिन बढ़े किराए के बाद रेलवे का विकास हमेशा सवालों के घेरे में रहा है.
रेलवे की आर्थिक स्थिति बेहद खराब- सीएजी
आपको बता दें कि रेलवे की ओर से पिछली बार साल 2014-15 में यात्री किराए में 14.2% और माल ढुलाई भाड़े में 6.5% की बढ़ोतरी हुई थी. किराया बढ़ाए जाने से इतर अगर आप रेलवे की हालत पर नजर डालेंगे तो जमीनी हक़ीकत कुछ और बयां होती है. हाल ही में सीएजी के कहा था रेलवे की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है.
वित्त वर्ष 2017-18 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो 10 सालों में सबसे खराब रहा था. यानी रेलवे को 100 रुपए कमाने के लिए 98.44 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. मौजूदा वक्त में भारतीय रेलवे 2 हजार करोड़ के घाटे में है. देश में 43 फीसदी ट्रेन इसलिए लेट होती हैं, क्योंकि पटरियों पर क्षमता से ज्यादा ट्रेन चल रही हैं. यानी हर दो से चार सालों में यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर रेलवे में किराया तो बढ़ा दिया जाता है लेकिन एक आम यात्री तक वो सुविधाएं नहीं पहुंच पाती जिनकी बात हर बार की जाती है.
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