नई दिल्ली: सरकार ने रविवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का स्वास्थ्य बिगड़ने को लेकर चल रही खबरें पूरी तरह से गलत और आधारहीन हैं. मीडिया को इस तरह की अफवाहों से बचना चाहिए. पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के प्रधान महानिदेशक और केंद्र सरकार के प्रवक्ता सिंताशु कार ने ट्विटर पर स्थिति स्पष्ट करते हुये लिखा, ''मीडिया के एक तबके में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर जो खबरें चल रही हैं, वह पूरी तरह गलत और निराधार है.''
प्रवक्ता ने आगे लिखा है, ''मीडिया को इस तरह की अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.'' कई बार प्रयास के बावजूद जेटली से संपर्क नहीं हो सका. उनके कार्यालय ने कहा कि वह घर पर आराम कर रहे हैं. जेटली के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि खराब स्वास्थ्य की वजह से जेटली के एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने की संभावना नहीं है. दरअसल, खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्हें उपचार के लिए अमेरिका या ब्रिटेन आना-जाना पड़ सकता है.
सूत्रों ने कहा कि जेटली बहुत कमजोर हो गए हैं. पिछले सप्ताह उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया जहां उनकी जांच हुई और इलाज हुआ. गुरुवार को वह भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में चुनाव में जीत के जश्न में शामिल नहीं हो सके.
सूत्रों ने कहा कि हालांकि, जेटली ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय के पांचों सचिवों के साथ अपने घर पर बैठक की थी. किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित जेटली का पिछले साल मई में किडनी प्रतिरोपण हुआ था. इस साल जनवरी में वह सर्जरी के लिये अमेरिका गये थे. उनके बायें पैर में साफ्ट टिश्यू केंसर है. यही वजह रही कि वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतरिम बजट पेश नहीं कर पाये. उनके स्थान पर रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश किया. पेशे से वकील अरुण जेटली मोदी मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण नेता हैं. वह सरकार के अहम संकटमोचक माने जाते हैं.
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