नई दिल्ली: कश्मीर में लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशनल चीफ ज़की उर रहमान लखवी के भतीजे सहित दो आतंकियों को ढेर करने वाले वायुसेना के गरुड़ कमांडो, ज्योति प्रकाश निराला को इस साल मरणोपरांत अशोक चक्र दिया जाएगा. गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, शहीद कमांडो निराला की पत्नी और मां को इस मेडल से नवाजेंगे. शांति के समय में वीरता के लिए दिए जाना वाला ये सबसे बड़ा पुरस्कार है. ये दूसरी बार है जब वायुसेना में किसी को अशोक चक्र से नवाजा गया है. इससे पहले अंतरिक्ष में जाने वाले राकेश शर्मा को ये मेडल दिया गया था.


18 नबम्बर 2017 को कश्मीर के बांदीपुरा में सेना की राष्ट्रीय राईफल्स की टीम को सूचना मिली थी कि एक गांव में छह आतंकी छिपे हुए हैं. वायुसेना की स्पेशल फोर्स, गरुड़ के कमांडो ज्योति प्रकाश निराला आरआर की टीम से अटैच्ड थे. इसलिए वे इस ऑपरेशन में आतंकियों से मुकाबला करने गए थे. निराला अपने साथियों के साथ वहां मोर्चा लिए हुए थे, जहां से आतंकियों के भागने का खतरा था.


मुठभेड़ में निराला ने दो आतंकियों को मार गिराया और तीन को घायल कर दिया. बाद में मारे गए आतंकियों की पहचान पाकिस्तान के उबेद उर्फ ओसमा जंगी और महमूद भाई के तौर पर हुई. ओसामा जंगी लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर ज़की उर रहमान लखवी का भतीजा था. महमूद भाई लश्कर के उत्तरी कश्मीर का कमांडर था. लेकिन इस एनकाउंटर में निराला भी शहीद हो गए. उनकी बहादुरी और बलिदान के लिए उन्हें अशोक चक्र से नवाजा जाएगा.


अशोक चक्र मिलने से पहले निराला के माता-पिता से एबीपी न्यूज ने खास बाचतीच की. बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले निराला के माता पिता ने कहा कि उन्हें इस बात का गम और दुख तो है कि बेटा चला गया लेकिन इस बात का गर्व भी है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया. निराला की पत्नी से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन वे दुख की वजह से कुछ कह नहीं पाईं. निराला की एक दो साल की बेटी भी है. इस साल एक अशोक चक्र के अलावा एक कीर्ति चक्र और 14 शोर्य चक्र भी दिए गए हैं.