नई दिल्लीः देश के लिए 26 जनवरी का दिन बेहद खास है. 26 जनवरी को देश राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मनाता है. गणतंत्र दिवस के अवसर पर दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता रहा है. लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि नहीं होंगे. कोरोना की वजह से सरकार ने ये फैसला लेने की बात कही है. साल 1966 के बाद पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट नहीं होंगे.


ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन थे आमंत्रित पर कोरोना न्यू स्ट्रेन ने बिगाड़ा मामला
गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था. इस आमंत्रण को जॉनसन ने स्वीकार भी कर लिया था. लेकिन ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन आने के कारण संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा होने लगा और लॉकडाउन लगाना पड़ा.


ब्रिटेन में कोरोना की स्थिति को संभालने के लिए जॉनसन ने भारत का दौरा रद्द कर दिया था और उन्होंने भारत आने में असमर्थता जता दी थी. इसके बाद खबर है कि सरकार की तरफ से किसी दूसरे विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया.


1966 के गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं था कोई विदेशी अतिथि
देश में 1950 में पहली बार बनाए गए गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुकर्णो मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. इसके बाद 1951 में नेपाल के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. एक रिपोर्ट के अनुसार साल 1966 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि कोई विदेशी गेस्ट मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा. 1952 और 1953 में भी रिपब्लिक डे परेड का गवाह कोई विदेश मुख्य अतिथि नहीं बन सका.


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