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Republic Day 2022: पहली बार 1950 में किस तरह मनाया गया था गणतंत्र दिवस, अब तक क्या-क्या हुआ है खास
Republic Day: 26 जनवरी 1952 को बिना किसी विदेशी मेहमान के रिपब्लिक डे का आयोजन किया गया था. इसी साल पहली बार देश में परेड में ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी.
73rd Republic Day Parade: आज यानी 26 जनवरी 2022 को देश में अपना 73 वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. कोरोना की तीसरी लहर के बीच इस बार के समारोह में कई नई चीजें पहली बार की जा रही हैं. जेसे कि इस बार के गणतंत्र दिवस पर देश में पहली बार नये राजपथ पर परेड का आयोजन किया जा रहा है. इस बार परेड आधे घंटे की देरी से शुरू हो रही है और इस बार के समारोह में अबाइड विद मी की धुन नहीं बजेगी.
आइये जानते हैं कि देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद से आयोजित समारोहों में क्या कुछ अनूठा और अभूतपूर्व हुआ था.
- देश का पहला गणतंत्र दिवस राजपथ की जगह इरविन एम्फीथिएटर में मनाया गया था. आजादी के दो साल बाद 1951 में इसका नाम बदलकर नेशनल स्टेडियम कर दिया गया था.
- इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो गणतंत्र दिवस पर थे भारत के पहले विदेशी मेहमान. जिनको गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. इंडोनेशिया भी भारत से कुछ दिन पहले ही आजाद हुआ था.
- 26 जनवरी 1950 को पहली बार आजाद भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद बग्घी में बैठकर गणतंत्र दिवस के समारोह में पहुंचे थे.
- 26 जनवरी 1952 को बिना विदेशी मेहमान के रिपब्लिक डे का आयोजन किया गया था. इसी साल पहली बार देश में परेड में ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी.
- 26 जनवरी 1955 को पहली बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन किया गया था.
- 26 जनवरी 1956 को पहली बार राजपथ में होने वाली परेड में हाथी और घोड़ों को शामिल किया गया था.
- 26 जनवरी 1963 को पहली बार RSS की टुकड़ी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई थी. इस दिन आरएसएस के 3 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने राजपथ पर परेड की थी.
- 26 जनवरी 1973 को पहली बार लोगों के बीच जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का प्रदर्शन किया गया था. यह वह समय था जब भारत की मदद से बांग्लादेश बना था और इस वजह से पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते बेहद तल्ख थे. इसलिये भारत ने 1973 से राजपथ पर अपना शक्ति प्रदर्शन करना शुरू किया था.
- 26 जनवरी 2008 को देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने परेड की सलामी ली थी. यह भारत के गणतंत्र का महिला और पुरुषों दोनों को दिया गया बराबरी के अधिकार का सर्वोच्च प्रदर्शन था.
- 26 जनवरी 2016 को पहली बार देश के गणतंत्र दिवस के अवसर पर विदेशी सैनिकों की टुकड़ी ने राजपथ परेड में हिस्सा लिया था. दरअसल उस परेड में फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांदे भारत के मुख्य अतिथि थे और वह अपने साथ रिपब्लिक-डे में सम्मिलित होने के लिये एक सैन्य टुकड़ी भी लेकर आये थे. जिसने भारतीय सेनाओं के साथ ही राजपथ पर मार्च किया था.
- 26 जनवरी 2021 को देश में पहली बार राजपथ पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की झांकी दिखाई गई थी. भारत सरकार द्वारा धारा 370 खत्म करने के बाद लद्दाख जम्मू कश्मीर से अलग हो गया था और उसे एक स्वतंत्र केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था. उसी के बाद उसने राजपथ पर अपने राज्य की झांकी का प्रदर्शन किया था.
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विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
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