Republic Day 2023: भारत-पाकिस्तान के जवानों ने अटारी-वाघा सीमा पर एक दूसरे को दी मिठाइयां
Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस के मौके पर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने आज अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान रेंजर्स के साथ मिठाइयों का आदान-प्रदान किया.
India 74th Republic Day: पंजाब के अमृतसर में गुरुवार (26 जनवरी) को अटारी-वाघा सीमा पर 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभक्ति का माहौल छाया रहा. इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने अटारी-वाघा सीमा (Attari-Wagah Border) पर पाकिस्तानी रेंजर्स (Pakistan Rangers) को मिठाई भी भेंट की. जीरो लाइन और पाकिस्तान चौकियों से कुछ मीटर की दूरी पर बीएसएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने तिरंगा फहराया.
बीएसएफ कमांडेंट जसबीर सिंह ने सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि जेसीपी अटारी ने राष्ट्रीयता के प्रतीक के रूप में एक विशिष्ट पहचान बनाई है. हर शाम एक रिट्रीट समारोह होता है और यहां रोजाना हजारों लोग मनोबल व उत्साह बढ़ाने के लिए आते हैं.
Punjab | BSF (Border Security Force) exchanged sweets with Pakistan Rangers at the Attari-Wagah border today on #RepublicDay2023 pic.twitter.com/Q2agwrsDtq
— ANI (@ANI) January 26, 2023
पाकिस्तान रेंजर्स को दी मिठाई
उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने यहां कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं और पाकिस्तान रेंजर्स को मिठाई भी खिलाई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को नई दिल्ली में कर्तव्य पथ से 74वां गणतंत्र दिवस मनाते हुए देश का नेतृत्व किया. गणतंत्र दिवस पर लोगों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये इस बार विशेष है क्योंकि ये देश की आजादी के "अमृत महोत्सव" के दौरान मनाया जा रहा है. मेरी इच्छा है कि हम देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ें. सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं.
मिस्र के राष्ट्रपति समारोह के मुख्य अतिथि
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी परेड में मुख्य अतिथि थे. उन्होंने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनेक नेताओं के साथ कर्तव्यपथ पर रंगारंग गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) देखी. यह पहला अवसर है जब मिस्र के किसी राष्ट्रपति को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनाया गया है. परेड की शुरुआत मिस्र के सशस्त्र बलों के एक दल की मार्च के साथ हुई. जिसमें मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 144 सैनिक शामिल थे.
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