74th Republic Day Parade: देश में आज 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आज भारतीय सेना पूरी दुनिया को अपनी ताकत से रूबरू करा रही है. परेड को खास बनाते हुए भारतीय थल सेना, वायुसेना, नौसेना और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने हिस्सा लिया. इस बीच मिस्र की सेना की टुकड़ी ने भी सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. वो भी भारतीय सेना के साथ कदमताल करते नजर आई. कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह अल खारसावी के नेतृत्व में मिस्र की सैन्य टुकड़ी ने मार्च किया.
मिस्र की सेना के 144 जवानों की इस टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया और भारतीय जवानों के साथ कदम से कदम मिलाकर चली. परेड में मिस्र की सेना के 12 सदस्यीय बैंड ने हिस्सा लिया. इस साल गणतंत्र दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी को मुख्य अतिथि बनाया गया है. यह पहली बार है कि मिस्र के किसी नेता को भारत के गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया गया.
मिस्र की सेना का इतिहास
मिस्र की सेना मानवता के लिए ज्ञात सबसे पुरानी नियमित सेनाओं में से एक है. मिस्र की सेना का इतिहास 3200 ईसा पूर्व का है जब राजा नार्मर ने मिस्र का एकीकरण किया था. पुराने साम्राज्य को मिस्र की सभ्यता की पराकाष्ठा माना जाता था. वहीं, आधुनिक मिस्र की सेना की स्थापना मुहम्मद अली पाशा के शासन के दौरान हुई थी. इन्हें व्यापक रूप से आधुनिक मिस्र का संस्थापक माना जाता है.
भारत-मिस्र के बीच मजबूत रक्षा संबंध
भारत और मिस्र के बीच मजबूत रक्षा संबंध रहे हैं. 1960 के दशक में संयुक्त रूप से एक लड़ाकू विमान विकसित करने के प्रयासों के साथ वायु सेना के बीच घनिष्ठ सहयोग था. IAF पायलटों ने 1960 से 1984 तक मिस्र के पायलटों को भी प्रशिक्षित किया था. खास बात है कि भारत और मिस्र ने इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे कर लिए हैं.
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