Republic Day 2023 Weapons: भारतीय सेना इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान केवल 'मेड इन इंडिया' हथियारों की ताकत दुनिया के सामने रखने वाली है. इनमें पांच ऐसे हथियार भी शामिल किए गए हैं जो दुश्मन को थर-थर कांपने पर मजबूर कर देते हैं.
गणतंत्र दिवस परेड पर देश की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर रहती है. ऐसे में भारतीय सेना के लिए आज का दिन बेहद खास माना जाता है. परेड में गर्व और सम्मान के साथ आज भारतीय हथियारों को दिखाया जाएगा. स्वदेशी शक्ति का प्रदर्शन होगा. चलिए आपको बतातें हैं उन पांच हथियारों की ताकत जिनके एक वार से दुश्मन तबाह हो सकते हैं.
खतरनाक है इन पांच हथियारों का वार
'नाग' मिसाइल
स्वदेशी 'नाग' मिसाइल अधिकतम 828 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दागी जा सकती है. नाग मिसाइल के अलग-अलग वैरिएंट्स की रेंज 500 मीटर से 20 किलोमीटर तक है. यह हर मौसम में काम करती है. यह एक लॉक-ऑन, टॉप-अटैक, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है. इसकी आने वाली सीरीज को 20,000 मीटर तक विकसित जा रहा है.
पिनाक
पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) सिस्टम से सिर्फ 44 सेकेंड के भीतर 12 रॉकेट्स दागे जा सकते हैं. यह इतनी खतरनाक है कि इसे चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किया गया है. खास बात यह है कि पिनाका कारगिल युद्ध के दौरान सेवा में रही थी. यह पर्वत चोटियों पर दुश्मन का सामना करने में सक्षम है. यही कारण है कि इसे बड़ी संख्या में भारतीय सेना में शामिल कर दिया गया है.
अर्जुन टैंक
अर्जुन का इसका निशाना भी अचूक. इसमें 120mm की तोप लगी है. 'अर्जुन' MK1 टैंक की रेंज 450 किलोमीटर है. यह 70 किमी प्रति घंटा (43 मील प्रति घंटे) की स्पीड से निशाना साधती है. इस टैंक के लिए चार लोगों की टीम होती है. इसमें कमांडर, गनर, लोडर और ड्राइवर को शामिल किया जाता है.
तेजस
तेजस लड़ाकू विमान 52,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. इससे अधिकतम 4 टन का पेलोड ले जाया जा सकता है. यह करीब 2,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरेगा. इस विमान की पूरी दुनिया दीवानी है. यह हर मायने में चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के विकसित विमानों से श्रेष्ठ है. इस लड़ाकू विमान की कीमत 550 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
धनुष
इसका एक वार और दुश्मन का काम तमाम. यह देश की सबसे लंबी रेंज वाली आर्टिलरी गन है. 13 टन वजन वाली यह होवित्जर गन किसी भी मौसम में दागी जा सकती है. 155 mm/45-कैलिबर की इस गन को 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता के रूप में देखा जाता है. खास बात यह है कि यह खुद-ब-खुद टारगेट के हिसाब से खुद को अलाइन और पोजिशन कर लेती है.
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