Republic Day 2023: पराक्रम, सम्मान और गर्वित इतिहास, परेड में शामिल रेजिमेंट्स के बारे में जान गर्व से भर उठेंगे
Republic Day Parade 2023: गणंतत्र दिवस पर पर होने वाली परेड में भारतीय सेना की रेजिमेंट्स अपने शौर्य का प्रदर्शन करती हैं. इन रेजिमेंट्स का बनना और इनका इतिहास गर्व से भर देने वाला है.
Republic Day 2023: आज देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. बात गणतंत्र दिवस की हो तो ये राजधानी दिल्ली में सेना की भव्य परेड के बिना पूरी हो ही नहीं सकती. राष्ट्रपति भवन से लाल किले तक कर्तव्यपथ पर होने वाली इस परेड में भारतीय सैन्य ताकत की धमक दिखाई देती है. इसमें सेना की रेजिमेंट्स हिस्सा लेती हैं. यूं तो सेना की अधिकांश रेजिमेंट्स आजादी के पहले ही बना ली गई थीं. देश में इस समय 62 रेजिमेंट्स हैं और हर रेजिमेंट्स का अपना गौरवशाली इतिहास है. हम इसमें से 5 रेजिमेंट्स के बारे में बता रहे हैं.
पंजाब रेजिमेंट
पंजाब रेजिमेंट को भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट कहा जाता है. यह रेजिमेंट 1761 में गठिक की गई थी. कहा जाता है कि इसके सिपाही वे बने महाराजा रणजीत सिंह की सेना का हिस्सा थे. पंजाब रेजिमेंट के जाबांज कई युद्धों में भाग लेकर अपनी वीरता साबित कर चुके हैं. पंजाब रेजिमेंट का आदर्श वाक्य 'स्थल व जल' है. यह रेजिमेंट अलग-अलग हिस्सों में तैनात होकर देश की रक्षा कर रही है.
राजपूताना राइफल्स
राजपूताना राइफल्स का नाम सुनते ही दुश्मनों की रूह कांप उठती है. यह भी भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट में से एक है. इसका गठन 1775 में किया गया था. यह रेजिमेंट सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया भर में कई मौकों पर अपनी क्षमता का लोहा मनवा चुकी है. राजपूताना राइफल्स का आदर्श वाक्य 'वीर भोग्या वसुंधरा' है.
गोरखा राइफल्स
गोरखा रेजिमेंट का गठन 1815 में किया गया था. गठन के बाद से अब तक यह कई जंगों और अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों में हिस्सा ले चुकी है. गोरखा रेजिमेंट आजादी के पहले ब्रिटिश भारतीय सेना का हिस्सा थी. देश के आजाद होने के बाद यह भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गई. वर्तमान में भारतीय सेना में 7 गोरखा रेजिमेंट हैं. इनमें से 6 ब्रिटिश काल से ही थीं, जबकि एक को बाद में जोड़ा गया. इसका आदर्श वाक्य है 'आयो गोरखाली.' यह युद्ध में अपने अदम्य साहस के लिए जानी जाती है.
ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट
भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट पहले विश्व युद्ध के दौरान से ही सेना में शामिल हैं. इस रेजिमेंट का गौरव और बलिदान का लंबा इतिहास रहा है. पहले और दूसरे विश्व युद्ध में इस रेजिमेंट के जवानों की जाबांजी को पूरी दुनिया ने देखा है और इसका लोहा मानते हैं. इस बटालियन के जवानों की जाबांजी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि सेना में वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है, जो ग्रेनेडियर्स के पास 3 हैं. यह अपने आप में अनूठा है. इसका आदर्श वाक्य है, 'सर्वदा शक्तिशाली.'
जाट रेजिमेंट
जाट रेजिमेंट भारतीय सेना की पुरानी रेजिमेंट में से एक है. जाटों की वीरता के किस्से पुराने समय से ही मशहूर रहे हैं. 200 सालों से यह रेजिमेंट भारतीय सेना की तरफ से अलग-अलग अभियानों में भाग लेती रही है. 1839 से 1947 के बीच इस रेजिमेंट को 19 युद्धों के लिए सम्मानित किया जा चुका है. आजादी के बाद भी रेजिमेंट ने विभिन्न सम्मान जीते हैं. आजादी के बाद इसे 5 युद्ध सम्मान, दो विक्टोरिया क्रॉस, दो अशोक चक्र और कई अन्य पदक मिल चुके हैं. इसका आदर्श वाक्य है 'जाट बलवान, जय भगवान.'
यह भी पढ़ें
Republic Day 2023: 'तिरंगा' कैसे बना भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जानें इसके अपनाए जाने की दिलचस्प कहानी