(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Republic Day 2023: 1953 से लेकर 2023 तक... गणतंत्र दिवस परेड में हर साल होता है कुछ नया, जानिए अब तक की गौरवगाथा
Republic Day Parade: हम हर साल राजपथ, जिसे अब 'कर्तव्य पथ' कहा जाता है, वहां पर शानदार परेड देखने के आदी हैं, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह स्थान वर्ष 1955 से ही परेड का स्थायी मेजबान बना था.
Republic Day Parade History: आज भारत 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. गणतंत्र दिवस के खास मौके पर कर्तव्य पथ (दिल्ली) पर परेड का आयोजन किया जाना है. ये परेड भारत की गौरवगाथा को दर्शाती है. पूरी दुनिया आज ही के दिन भारतीयों के सुनहरे इतिहास और इच्छाशक्ति को समझती है. इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में 3,500 स्वदेशी यूएवी के साथ भारत में सबसे बड़ा ड्रोन शो भी होगा. इसी के साथ, 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह के दौरान एक 3डी एनामॉर्फिक प्रोजेक्शन का आयोजन किया जाएगा. चलिए अब आपको गणतंत्र दिवस की गौरवगाथा के बारे में बताते हैं.
परेड का इतिहास
हम हर साल राजपथ, जिसे अब 'कर्तव्य पथ' कहा जाता है, वहां पर शानदार परेड देखने के आदी हैं, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह स्थान वर्ष 1955 से ही परेड का स्थायी मेजबान बना था. 1950 से 1954 तक उन चार वर्षों के दौरान क्रमशः इरविन स्टेडियम (अब राष्ट्रीय स्टेडियम के रूप में जाना जाता है), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में गणतंत्र दिवस परेड आयोजित की जाती थी. राजपथ पर पहली परेड 1955 में आयोजित की गई थी, जहां पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.
1953 से लेकर 2023 तक की परेड
1953 की परेड रामलीला मैदान में आयोजित हुई थी. उस समय परेड में लोक नृत्य ने रंग जमाया था. परेड में आतिशबाजी भी की गई थी. वहीं 1956 में पहली बार हाथियों को परेड में शामिल किया गया था. इन हाथियों को खूब अच्छे से सजाया गया था.
1959 में दर्शकों पर बरसाए गए फूल
इसके बाद, साल 1958 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली की सरकारी इमारतों को रौशन किया गया था और बड़े ही हर्षोल्लास के साथ भारतीयों ने 'राष्ट्रीय त्यौहार' को मनाया. फिर साल 1959 में परेड देखने आए दर्शकों पर हेलीकॉप्टरों से फूल बरसाए गए और साल 1960 में बहादुर बच्चों को भी परेड में शामिल किया गया. इन बच्चों को हाथी पर बैठाकर परेड में लाया गया. कुछ इस तरह हर साल परेड में कुछ खास होता रहा.
इस साल की परेड में क्या होगा खास?
इस बार गणतंत्र दिवस परेड में देश के सैन्य कौशल और सांस्कृतिक विविधता का एक अनूठा मिश्रण देखने को मिलेगा, जो देश की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं, नारी शक्ति और 'न्यू इंडिया' के उद्भव को दर्शाती है. परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान होगा. सबसे पहली बार, 21 तोपों की सलामी 105 मिमी की भारतीय फील्ड गन से दी जाएगी. यह पुरानी 25-पाउंडर बंदूक की जगह लेगी, जो रक्षा में बढ़ती 'आत्मनिर्भरता' को दर्शाती है. 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा करेंगे.
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