Republic Day 2023: आज 26 जनवरी को 74वें गणतंत्र दिवस का जश्न धूमधाम से मनाया जा रहा है. पहली बार भारत में मिस्र (Egypt) की सेना ने मार्च में हिस्सा लिया. मिस्र सेना (Egypt Army) की टुकड़ी ने दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में मार्च निकाला. इस अवसर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी मुख्य अतिथि थे.


भारतीय गणतंत्र दिवस पर किसी अफ्रीकी देश के राष्ट्राध्यक्ष का मुख्य अतिथि (Chief Guest of Republic Day) होना बहुत-से लोगों के लिए अलग अहसास था. हालांकि, कई लोगों को यह नहीं मालूम होगा कि गणतंत्र दिवस के लिए चीफ गेस्ट का चुनाव कैसे होता है. अगर आपको भी ये नहीं पता तो आइए आज हम आपको बताते हैं -


विदेश मंत्रालय कराता है चीफ गेस्ट का चुनाव


किस देश की हस्ती को भारतीय गणतंत्र दिवस पर बतौर चीफ गेस्ट बुलाया जाए, इसके लिए हमारा विदेश मंत्रालय विचार-विमर्श करता है. इस तरह चुनाव के बाद चीफ गेस्ट के नाम पर मुहर लगती है. इस दौरान कई बातों को ध्यान में रखा जाता है. सबसे पहले तो जिस देश के राष्ट्रपति को चीफ बनाना है उससे आपके देश के कैसे संबंध है इसे देखा जाता है. विदेश मंत्रालय की ओर से चुने गए नाम की भारतीय प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भवन से भी अनुमति ली जाती है. 


दिल्ली में होने वाली परेड पर होती है दुनिया की नजर 


प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद संबंधित देश से संपर्क किया जाता है. स्वीकृति के बाद चुने गए चीफ गेस्ट को औपचारिक निमंत्रण भेजा जाता है. जाहिर है, गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट को काफी सोच-विचार के बाद ही चुना जाता है क्योंकि यह दिन भारत के लिए बेहद खास होता है और राजधानी दिल्ली में होने वाली परेड पर पूरी दुनिया की नजर होती है.


इस बार भारत ने क्यों चुने मिस्र के राष्ट्रपति? 


दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुके भारत ने कर्ज में डूबे मिस्त्र को इसलिए चुना क्योंकि इससे भारत को भी फायदा होगा. इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) में इजिप्ट आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ सबसे बड़ी आवाज है और मिस्त्र में 4 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं. अरब देशों में उसकी आबादी सबसे ज्यादा (करीब 10.93 करोड़) है.


सऊदी अरब और UAE के बाद अब भारत पूरे अरब वर्ल्ड में साख बनाना चाहता है. सभी गल्फ कंट्रीज और खासतौर पर सऊदी अरब, UAE और बहरीन से भारत के बहुत अच्छे रिश्ते हैं. ऐसे में भारत गल्फ कंट्रीज में मिलिट्री, IT और टेक्नो पावर बन सकता है.


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