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क्या हैं गणतंत्र के असल मायने..हम लोकतांत्रिक देश हैं या गणतांत्रिक? इस बारीक फर्क को यहां समझिए

Republic Day 2024: भारत इस साल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. भारत 26 जनवरी, 1950 को एक गणतंत्र बना था. गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर परेड निकाली जाती है.

Republic Day: भारत में आज यानी (26 जनवरी 2024 को) 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. दिल्ली के कर्तव्य पथ पर सुबह10 बजे से गणतंत्र दिवस परेड निकलने वाली है. इस परेड को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटती है. दरअसल, भारत 26 जनवरी, 1950 को एक गणतंत्र बना था. इस साल हम अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. दुनिया जानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. इसे संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के दौर पर जाना जाता है. 

हालांकि, बेहद ही कम लोगों को मालूम है कि लोकतंत्र और गणतंत्र में क्या अंतर होता है? दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो लोकतांत्रिक तो हैं, लेकिन वे गणतंत्र नहीं हैं. नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, स्पेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड ऐसे ही देशों के उदाहरण हैं. भारत, अमेरिका, लाओस, कांगो, दक्षिण अफ्रीक, उरुग्वे जैसे देश लोकतांत्रिक गणराज्य हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर लोकतंत्र और गणतंत्र में क्या अंतर होता है?

कहां आए लोकतंत्र और गणतंत्र शब्द? 

अंग्रेजी के Democracy (डेमोक्रेसी) यानी लोकतंत्र शब्द ग्रीक शब्द demokratia से आया है. demos का मतलब होता है 'लोग' और kratos का अर्थ शक्ति से है. इस तरह दोनों शब्दों से मिलकर demokratia बनता है. प्राचीन ग्रीक शहर एथेंस को दुनिया का पहला लोकतंत्र माना जाता है, जिसकी स्थापना 507 ईसा पूर्व में हुई थी. ये सरकार की एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें लोगों के पास अधिकार होता है. डेमोक्रेसी में लोग कानून बनाने के लिए प्रतिनिधि चुनते हैं.

वहीं, Republic (रिपब्लिक) यानी गणतंत्र शब्द लैटिन शब्द Res Publica से आता है. इसका सीधा मतलब public thing होता है, जिसे आमतौर पर commonwealth या state के तौर पर जाना जाता है. गणतंत्र सरकार की वह व्यवस्था है, जहां देश को एक सार्वजनिक मामला माना जाता है. सबसे पहला गणतंत्र प्राचीन रोम में लगभग उसी दौर में सामने आया था, जब एथेंस गणराज्य स्थापित हुआ था. हालांकि, हमारा देश एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य है. 

लोकतंत्र और गणतंत्र में क्या अंतर है? 

  • दोनों के बीच सबसे पहला अंतर ये है कि लोकतंत्र में जनता के पास खुद शक्ति होती है, जबकि गणतंत्र में सत्ता व्यक्तिगत नागरिकों की होती है. 
  • लोकतंत्र तीन तरीके का होता है, जिसमें प्रत्यक्ष लोकतंत्र, प्रतिनिधि लोकतंत्र और संवैधानिक लोकतंत्र शामिल है. वहीं गणतंत्र 5 प्रकार के होते हैं, जिसमें संवैधानिक गणराज्य, संसदीय गणराज्य, राष्ट्रपति गणराज्य, संघीय गणराज्य और थियोक्रेटिक गणराज्य शामिल हैं.
  • लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली में सभी कानून बहुमत प्रतिनिधियों/जनता के जरिए बनाए जाते हैं, जबकि गणतांत्रिक सरकार में कानून उन लोगों के जरिए बनाए जाते हैं, जो देश की जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं.
  • किसी देश में एक से ज्यादा प्रकार के लोकतंत्र हो सकते हैं. ठीक ऐसे ही किसी देश में एक से ज्यादा गणतांत्रिक व्यवस्था भी हो सकती है.
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था में बहुमत के पास मौजूदा अधिकारों को खत्म करने का अधिकार होता है, जबकि गणतांत्रिक व्यवस्था में संविधान अधिकारों की रक्षा करता है. 
  • सरकार की गणतंत्र प्रणाली में, संविधान अधिकारों की रक्षा करता है इसलिए लोगों की कोई भी इच्छा किसी भी अधिकार पर हावी नहीं हो सकती है।
  • लोकतंत्र मुख्य रूप से लोगों की सामान्य लोगों की इच्छा पर केंद्रित होता है. वहीं गणतांत्रिक व्यवस्था में संविधान पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाता है.
  • लोकतंत्र में सरकार पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं होती है, जबकि गणतांत्रिक व्यवस्था में संविधान के जरिए सरकार पर बाधाएं लागू होती हैं. 

यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस परेड के बाद यहां पहुंचती हैं झांकियां, नजदीक से देख सकते हैं आप

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