'विजय चौक' पर खास होगी 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी, ड्रोन और लेजर शो के अलावा बैंड्स दिखाएंगे जलवा
Beating Retreat Ceremony: इस सेरेमनी के दौरान नार्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर 3-4 मिनट का लेजर शो किया जाएगा. ये शो आजादी के 75 साल यानी आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित होगा.
Republic Day Celebration: राजधानी दिल्ली के विजय चौक (Vijay Chowk) पर शनिवार को होने जा रहा 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह (Beating Retreat Ceremony) बेहद खास होने जा रहा है. इस बार सेरेमनी के दौरान विजय चौक पर पूरे एक हजार ड्रोन का खास शो होगा. ये ड्रोन शो आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के स्टार्ट-अप की मदद से किया जा रहा है. अभी तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन जैसे तीन देशों के पास ही इतने बड़े ड्रोन शो करने की क्षमता है. इसके अलावा इस साल मार्शल म्यूजिक्ल ट्यून्स में विदेशी के बजाए भारतीयता का जोश ज्यादा दिखाई पड़ेगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस साल थलसेना, वायुसेना, नौसेना और केंद्रीय पुलिबल के बैंड्स की कुल 26 पर्फोरमेंस बीटिंग रिट्रीट सेरेमेनी का हिस्सा हैं. इसके अलावा पाइप एंड ड्रम बैंड और मास्ड बैंड भी समारोह का हिस्सा होंगे. इस साल कुछ नई ट्यून्स को सेरेमनी का हिस्सा बनाया गया है. इनमें 'केरला', 'हिंद की सेना' और 'ऐ मेरे वतन के लोगों' शामिल हैं. समारोह की समाप्ति 'सारे जहां से अच्छा' से होगी. कार्यक्रम की शुरूआत शाम 5 बजे से होगी और 6.30 पर खत्म होगा, इसके बाद 10 मिनट का ड्रोन शो होगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मेक इन इंडिया के तहत ये 1000 ड्रोन आईआईटी दिल्ली के स्टार्ट-अप, 'बोटलैब' ने ही डिजाइन और डेवलप किए हैं. इस साल एक हजार ड्रोन के साथ साथ नार्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर 3-4 मिनट का लेजर शो भी किया जाएगा. ये शो आजादी के 75 साल यानी आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित होगा. हर साल गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से होती है. इस दौरान राष्ट्रपति, और प्रधानमंत्री सहित शीर्ष सैन्य नेतृत्व की मौजूदगी में थलसेना, वायुसेना और नौसेना सहित केंद्रीय पुलिसबलों के मिलिट्री-बैंड खास धुन बजाते हैं. बीटिंग रिट्रीट समारोह के तुरंत बाद रायसीना हिल स्थित राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ-साउथ ब्लॉक सहित सभी केंद्रीय इमारतें विशेष लाइट से जगमगा उठेंगी.
बीटिंग रिट्रीट समारोह प्राचीन काल से चली आ रही उस सैन्य परंपरा का हिस्सा है जब युद्ध के मैदान में सेनाएं दिल ढलने के बाद सैन्य-धुन पर अपने अपने बैरक में लौट जाती थी और झंडे को उतार दिया जाता था. इसलिए गणतंत्र दिवस के दौरान जब सशस्त्र सेनाओं की टुकड़ियां, हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान गणतंत्र दिवस समारोह के बाद बैरक में लौटती हैं तो तीन दिन बाद यानि 29 जनवरी को दिन ढलने के समय बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है. गणतंत्र दिवस परेड की तरह ही इस साल बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में भी कोविड प्रोटोकॉल का खास ध्यान रखा जाएगा. इस बार बेहद कम लोगों को समारोह में आमंत्रित किया गया है.