Republic Day: गणतंत्र दिवस पर BSF ऊंट सवार दस्ते का पहली बार हिस्सा बनेंगी महिला प्रहरी, बेहद ही खास होगी शाही पोशाक
BSF Camel Contingent: प्रसिद्ध डिजाइनर राघवेंद्र राठौर की ओर से महिला प्रहरियों के लिए पोशाक डिजाइन की गई है. बीएसएफ ऊंट टुकड़ी (BSF Camel Contingent) 1976 से गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा रही है.
Women in BSF Camel Contingent: गणतंत्र दिवस 2023 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस बार गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) परेड में बीएसएफ ऊंट सवार दस्ते में पहली बार महिलाएं भी शामिल होने जा रही हैं. सीमा सुरक्षा बल (BSF) की ऊंट सवार टुकड़ी में पहली बार महिला गार्ड, पुरुष जवानों के साथ परेड में हिस्सा लेंगी. बेहद ही खास शाही पोशाक में महिला प्रहरी (Mahila Praharis) बीएसएफ ऊंट सवार दस्ते का हिस्सा बनेंगी.
प्रसिद्ध बीएसएफ ऊंट टुकड़ी (BSF Camel Contingent) 1976 से गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा रही है और इस बार महिलाओं का इसमें शामिल होना ऐतिहासिक होगा.
BSF ऊंट सवार दस्ते में पहली बार महिलाएं
पुरुष समकक्षों के साथ ऊंट की सवारी करने के लिए महिला गार्ड के शाही पोशाक को खास तरीके से तैयार किया गया है. प्रसिद्ध डिजाइनर राघवेंद्र राठौर की ओर से महिला प्रहरियों के लिए पोशाक डिजाइन की गई है. महिला गार्ड के लिए तैयार की गई ये वर्दी देश के कई कीमती शिल्प रूपों का प्रतिनिधित्व करती है. इसे देश के अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया जाता है और राघवेंद्र राठौर जोधपुर स्टूडियो में इन-हाउस असेंबल किया जाता है.
पोशाक में राजस्थान की संस्कृति
बीएसएफ ऊंट दस्ते के लिए महिला प्रहरियों की वर्दी के डिजाइन में राजस्थान के सांस्कृतिक तत्वों को शामिल किया गया है. इस शाही पोशाक के डिजाइन में आरआरजे जोधपुरी बंधगला को भी शामिल किया गया है, जो राष्ट्रीय बलों की वर्दी पहनने का विशेषाधिकार और सम्मान को दर्शाता है. महिला प्रहरियों की शाही पोशाक को 400 साल पुरानी डंका तकनीक में बनाया गया है.
शाही पोशाक में और क्या है खास?
बीएसएफ (BSF) की महिला प्रहरियों की शाही पोशाक के कपड़े पर वाराणसी में हाथ से किए गए जरदोजी का काम भी शामिल है. शाही पोशाक में शामिल पगड़ी को राजस्थान (Rajasthan) के मेवाड़ क्षेत्र के सांस्कृतिक विरासत पाघ को फोकस में रखकर तैयार किया गया है. मेवाड़ में प्रतिष्ठा और सम्मान के प्रतीक के तौर पर देखा जाने वाला पाघ, राजस्थान के लोगों के सांस्कृतिक पहनावे का एक अहम हिस्सा है.
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