नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी पर सुरक्षा के लिए जमीन से लेकर आसमान तक बंदोबस्त किए गए हैं. सुरक्षा के लिए सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों का पहरा रहेगा, यह पहरा मुख्यतः चार लेयर्स में रहने वाला है. इस बार कोविड काल के चलते सुरक्षा के लिए तकनीक का खासा इस्तेमाल किया गया है. जिसके चलते एफआरएस यानी फेस रिकॉग्निशन सिस्टम सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं, जो एक ऐसे सर्वर से अटैच है, जिसमें 50 हजार संदिग्धों, आतंकियों और अपराधियों के फोटो हैं. जो कोई भी व्यक्ति समारोह में दर्शक के तौर पर जाएगा, उसे कैमरा के सामने खड़े होना पड़ेगा. कैमरा दर्शक का चेहरा स्कैन करेगा. अगर चेहरा रिकॉर्ड में शामिल किसी चेहरे से मिलान करता है तो उसे पकड़ कर पूछताछ की जाएगी अन्यथा प्रवेश दिया जाएगा.
कैसे काम करेंगे एफआरएस कैमरे
लुटियन जोन में होने वाली परेड पर 30 पॉइंट्स पर हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे एफआरएस तकनीक से लैस हैं, जिनमें 50,000 के लगभग टेरेरिस्ट और अपराधियों का डाटा फीड है. इन कैमरों के जरिए लुटियन जोन में अलग-अलग जगहों पर बनाए गए कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है. समारोह स्थल पर जो भी आएगा वह हाई डेफिनेशन कैमरों की नजर से बच नहीं सकता. यदि सीसीटीवी कैमरे में किसी ऐसे व्यक्ति का चेहरा स्कैन करता है, जिसका चेहरा संदिग्ध/आतंकी या अपराधी से मिलता है तो फिर लैपटॉप में उस चेहरे पर लाल निशान लग जायेगा. जिसके बाद को कंट्रोल रूम से अलार्म बजाकर उस पॉइंट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को जानकारी दे दी जाएगी. इसके अलावा परेड रूट पर 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.
एन्टी एयर क्राफ्ट
गणतंत्र दिवस पर किसी भी तरह के हवाई हमले से बचने के लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है. ऐसे में 10 कैमरे लुटियन जोन की ऊंची इमारतों पर तैनात किए गए में एंटी एयरक्राफ्ट तकनीक से लैस गन के साथ लगाए गए हैं, क्योंकि 26 जनवरी के आसपास आसमान में लुटियंस ज़ोन के ऊपर किसी भी एयरक्राफ्ट को उड़ाने की इजाजत नहीं है, इसलिए ऐसी किसी गतिविधि पर इन कैमरों के जरिए नजर रखी जाती है.
कैसे रहेंगे सुरक्षा घेरे
लुटियन जोन में परेड की सुरक्षा के सबसे बाहरी लेयर में दिल्ली पुलिस के लगभग 7000 जवान शामिल रहेंगे, जिनमें दिल्ली पुलिस के थाने का स्टाफ, अतिरिक्त कंपनियां, क्विक रिस्पांस टीम व्हीकल्स, स्वैट कमांडो व्हीकल्स, बम डिटेक्टिव टीम, और ट्रैफिक पुलिस के जवान शामिल होंगे.
इसके बाद दूसरे सुरक्षा घेरे यानी की सिक्योरिटी लेयर में अर्ध सैनिक बल के सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे, जिनमें अर्ध सैनिक बलों की 20 कंपनियों की तैनाती की गई है, यानी कि करीब 2000 अर्ध सैनिक बल के जवान.
तीसरे सुरक्षा घेरे, यानी सबसे भीतरी घेरे में डिफेंस यानी तीनों सेना और एनएसजी के जवान, कमांडो और खुफिया एजेंसी के कर्मी शामिल रहेंगे. सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए इनकी संख्या का खुलासा नहीं किया जाता है. यह गणमान्य लोगों की सुरक्षा के साथ आसपास की गतिविधियों पर भी नजर रखते हैं इन चार प्रमुख सुरक्षा घेरों के अलावा दिल्ली पुलिस, अर्ध सैनिक बल और एनएसजी का डॉग स्क्वायड भी लगातार सुरक्षा जांच में सक्रिय है.
नई दिल्ली की ऊंची इमारतों पर रात से स्नाइपर यानी निशानेबाज कमांडो तैनात कर दिए जाएंगे, जिनकी संख्या लगभग 100 होगी. नई दिल्ली जिले की अडिशनल डीसीपी टू अंजीथा का कहना है कि सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. एफआरएस सीसीटीवी कैमरा 30 पॉइंट्स पर लगाये गए हैं. सिर्फ परेड रूट पर दिल्ली पुलिस के 7000 जवान तैनात रहेंगे. किसी भी हवाई हमले से बचने के लिए एन्टी एयरक्राफ्ट गन तैनात की गई हैं.
कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
इस बार परेड रूट 5 किलोमीटर कम किया गया है यानी विजय चौक से नेशनल स्टेडियम गेट नम्बर 1 तक, जो लगभग 3.3 किलोमीटर के रूट पर परेड होगी.
20,000 अतिथियों के शामिल होने की उम्मीद ,लगभग 4000 टिकटों की बिक्री का अनुमान है.