नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के 71वें गणतंत्र दिवस की तैयारियां शुरू हो गई हैं. गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल 23 जनवरी को होगी. हर साल की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन धूम-धाम से किया जाएगा. इस समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश की जानी मानी हस्तियां शामिल होंगी. वहीं, इस साल रिपब्लिक डे के मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोल्सोनारो चीफ गेस्ट के रूप में समारोह में शिरकत करेंगे.


अब चूकि 23 जनवरी को फुल ड्रेस रिहर्सल होगी तो ऐसे में आइए जानते हैं क्या होती है फुल ड्रेस रिहर्सल और क्या होगा इसमें खास...


फुल ड्रेस रिहर्सल के बारे में जानकारी


फुल ड्रेस रिहर्सल 26 जनवरी के परेड का ही रिहर्सल होता है. इस दिन मिनी इंडिया की झलक दिखाई देती है. इसमें राजपथ पर भारतीय सेना के जांबाज, अर्द्धसैनिक व पुलिस के जवानों की टुकड़ियों संग एनसीसी के छात्रों ने कदम ताल करते हुए देश के विकास, भाईचारे और शान की कहानी बयां करते हैं.


सबसे पहले डमी काफिले


फुल ड्रेस रिहर्सल में सबसे पहले डमी काफिला रायसीना हिल्स की ओर से विजय पथ पर जाता है. यह डमी काफिला सेना के तीनों अंग थल, वायु और नौसेना अध्यक्ष, उनके पीछे रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा मंत्री और फिर प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति के डमी के साथ बढ़ता है.


फुल ड्रेस रिहर्सल में जो गणतंत्र दिवस पर विशेष अतिथि आने वाले होते हैं, उनके डमी काफिले को भी वैसे ही लाल बत्ती की गाड़ियो के साथ लाया जाता है. सबसे अंत में राष्ट्रपति का काफिला आता है. यह सभी डमी काफिले रायसीना हिल्स से विजय चौक होते हुए इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति तक जाते हैं. अमर जवान ज्योति पर देश के लिए जिन जवानों ने कुर्बानियां दी हैं, उनको श्रद्धांजलि दी जाती है.


21 तोपो की सलामी


इसके बाद 21 तोपो की सलामी दी जाती है. सेना की ओर से यह सलामी राष्ट्रपति और विदेशी मेहमानों को दी जाती है. इसके बाद ध्वजारोहण होता है और राष्ट्रगान गाया जाता है. इसके बाद मार्चिंग दस्ते में धुन के साथ परेड करते हैं. अलग-अलग रेजिमेंट एक के बाद एक अपना परेड करता है. वहीं, बीएसएफ का बैंड, ऊंट पर सवार बैंड, एनसीसी, स्काउंट एंड गाइड्स, आईटीबीपी, दिल्ली पुलिस का दस्ता भी परेड में शामिल होता है. इसके अलावा विभिन्न राज्यों की झांकियां भी अपने समृद्ध विरासत की कहानी बयां करती है.