(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Republic Day Parade: फुल ड्रेस रिहर्सल में दिखी देश की ताकत, परेड में सेना के दस्ते 6 अलग-अलग तरह की यूनिफॉर्म में आएंगे नजर
Full Dress Rehersal: गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day parade) की फुल ड्रेस रिहर्सल में सेना की मार्चिंग टुकड़ियों से लेकर टैंक, तोप, बैंड तक ने हिस्सा लिया. वायुसेना के फ्लाई पास्ट की भी रिहर्सल हुई.
Republic Day Full Dress Rehersal: इस साल गणतंत्र दिवस परेड में सेना के मार्चिंग दस्ते छह अलग-अलग तरह की यूनिफॉर्म में नजर आएंगे. आजादी के बाद से लेकर हाल ही में आए डिजिटल पैटर्न वाली यूनिफॉर्म (Uniform) में भारतीय सैनिक कदमताल करते नजर आएंगे. रविवार को फुल ड्रैस रिहर्सल (Full Dress Rehersal) के दौरान सेना के छह अलग अलग दस्ते अपनी यूनिफॉर्म और उस वक्त के हथियारों के साथ नजर आए.
रविवार को 73वें गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day parade) की फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया. इस दौरान गणमान्य व्यक्तियों के अलावा पूरी परेड ठीक वैसे ही दिखाई पड़ी जैसी 26 जनवरी को होने जा रही है. सेना की मार्चिंग टुकड़ियों से लेकर टैंक, तोप और बैंड तक ने हिस्सा लिया. वायुसेना के फ्लाई पास्ट की भी रिहर्सल हुई. सुबह 10.30 पर शुरू हुई परेड पूरे 90 मिनट तक चली.
परेड की शुरुआत हेलीकॉप्टर से फूलों की बरसात से होगी
26 जनवरी को परेड की शुरूआत हेलीकॉप्टर से फूलों की बरसात से होगी. इसके तुरंत बाद परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा राजपथ पहुंचेगे. परेड के सेकेंड इन कमान, मेजर जनरल आलोक कक्कड़ के पहुंचने के बाद परेड शुरू हो जाएगी. इस साल से परेड सुबह 10.30 बजे शुरू होगी. हर साल 10 बजे शुरू होती थी. हालांकि परेड की शुरूआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धा-सुमन भी अर्पित करेंगे.
73वें गणतंत्र दिवस परेड में इस साल भारतीय सेना की ताकत तो दिखाई देगे ही साथ ही 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले विंटेज टैंक और तोप भी दिखाई देंगे. राजपथ पर परेड में सबसे पहले पीटी-76 और सेंचुरियन टैंक आएंगे जिन्होनें 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना की धज्जियां उड़ा दी थी. ये विंटेज टैंक अब सेना के जंगी बेड़ा का हिस्सा नहीं है और खासतौर से म्यूजयिम से परेड के लिए बुलाया गया है.
हाल ही में देश में '71 के युद्ध की स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया गया था. इसके अलावा 75/24 विंटेज तोप और टोपैक आर्मर्ड पर्सनैल कैरियर व्हीकल भी परेड का हिस्सा होगी. 75/24 तोप भारत की पहली स्वदेशी तोप थी और 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था. विंटेज मिलिट्री हार्डवेयर के अलावा आधुनिक अर्जुन टैंक, बीएमपी-2, धनुष तोप, आकाश मिसाइल सिस्टम, सवत्र ब्रिज, टाइगर कैट मिसाइल और तरंग इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सिस्टम सहित कुल 16 मैकेनाइज्ड कॉलम परेड में शामिल हैं.
ये भी पढ़ें:
मार्चिंग दस्ते
इस साल सेना के तीनों अंगों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के कुल 16 मार्चिंग दस्ते राजपथ पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों के सामने मार्च पास्ट करेंगे. इस साल परेड में थलसेना की 61 कैवलरी (घुड़सवार) रेजीमेंट सहित कुल छह मार्चिग-दस्ते हैं जिसमें राजपूत रेजीमेंट, असम जैकलाई, सिखलाई, एओसी और पैरा रेजीमेंट शामिल हैं. इसके अलावा वायुसेना, नौसेना, सीआरपीएफ (CRPF), एसएसबी, दिल्ली पुलिस, एनसीसी (NCC) और एनएसएस के मार्चिंग दल और बैंड भी राजपथ पर दिखाई देंगे. बीएसएफ (BSF) का ऊंट-दस्ता भी परेड में हर साल की तरह शामिल है.
छह तरह की यूनिफॉर्म
इस साल परेड में 50, 60 और 70 के दशक की यूनिफॉर्म और उस वक्त के हथियारों (जैसे .303 राइफल) सहित सैनिक मार्च पास्ट करते दिखाई देंगे. दो ऐसी यूनिफार्म हैं जो अभी तक सैनिक पहनते आ रहे हैं. इसी महीने आई सेना की नई डिजीटल पैटर्न वाली कॉम्बेट यूनिफार्म में पैराशूट रेजीमेंट के कमांडो कदमताल करते दिखाई देंगे.
बाइक यूनिट
इस साल बीएसएफ का 'सीमा भवानी' और आईटीबीपी का दस्ता बाइक पर हैरतअंगेज स्टंट करते दिखाई पड़ेगे. सीमा भवानी बीएसएफ की महिला जवानों का दस्ता है.
राज्यों की झांकियां
राजपथ पर इस साल कुल 25 टैब्लो यानी झांकियां दिखाई देंगी जिसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश, 09 केंद्रीय मंत्रालय और विभाग, दो डीआरडीओ, एक वायुसेना और एक ही नौसेना की शामिल हैं.
कला-कुंभ
इस साल राजपथ पर दर्शक-दीर्घा के ठीक पीछे 750 मीटर लंबा खास 'कला कुंभ' कैनवास होगा. इस कैनवास के दो भाग होंगे जिसपर देश की अलग अलग पैंटिंग और चित्रकारी (मधुबनी, कलमकारी इत्यादि) होगी. ये दोनों कैनवास पिछले कुछ महीनों से भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में तैयार किए जा रहे थे. करीब 600 चित्रकारों ने इस कैनवास को बनाने में हिस्सा लिया.
वंदे भारतम
इस साल परेड में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम की बजाए रक्षा मंत्रालय ने संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर 'वंदे भारतम' कार्यक्रम का आयोजन किया. ये कार्यक्रम राज्यों और जोनल स्तर पर किया गया जिसमें 3800 युवा कलाकारों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम का फिनाले राजधानी दिल्ली में हुआ और 800 कलाकारों का चयन किया गया जिन्हें राजपथ पर नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने का मौका दिया जाएगा.
करीब छह हजार दर्शक
कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में सिर्फ 6000 दर्शक ही होंगे. पिछले साल करीब 25 हजार लोग राजपथ पर आए थे. लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल के चलते संख्या बेहद कम कर दी गई है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, लोगों से अपेक्षा है कि जनता परेड को टीवी, मोबाइल पर ही ज्यादा देखे और राजपथ ना आए.
खास मेहमान
पिछले साल की तरह ही इस साल भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान चीफ गेस्ट नहीं है. लेकिन इस साल आटोरिक्शा ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और कोविड वॉरियर्स को खास तौर से राजपथ की दर्शक-दीर्घा में बैठने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस बार पूरे राजपथ पर 10 बड़ी एलईडी लगाई जाएंगी ताकि जो लोग सलामा मंच से दूर बैठे होंगे, वे लाइव देख सकें.
ये भी पढ़ें:
फ्लाई पास्ट
इस साल गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day parade) में सबसे बड़ा और भव्य फ्लाईपास्ट होने जा रहा है जिसमें वायुसेना, नौसेना और थलसेना के कुल 75 एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे. आजादी के 75 वें वर्ष में आयोजित इस गणतंत्र दिवस फ्लाई-पास्ट में कुल 17 जगुआर लड़ाकू विमान एक 'अमृत' फोरमेशन में राजपथ के ठीक ऊपर '75' बनाते हुए भी दिखाई पड़ेंगे. इस साल फ्लाईपास्ट में वायुसेना के जगुआर, रफाल और सुखोई फाइटर जेट के साथ साथ नौसेना के पी8आई टोही विमान और मिग-29 के लड़ाकू विमान भी पहली बार हिस्सा लेंगे. थलसेना की एविएशन विंग के हेलीकॉप्टर भी फ्लाई पास्ट में शिरकत करेंगे. 1971 युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में इस साल फ्लाई पास्ट में दो खास फोर्मेशन पाकिस्तान पर प्राप्त हुई जीत को समर्पित होंगी.