गणतंत्र दिवस के मौके पर BSF को मिला तोहफा, सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिए मिली तीन नई फ्लोटिंग-बीओपी
BSF Geys three New Floating-BOP: फ्लोटिंग बीओपी नदी, नालों और समंदर में चलने वाली बीओपी होती हैं, जो एक जगह से दूसरी जगह मूव कर सकती हैं.
BSF Geys three New Floating-BOP: गणतंत्र दिवस के मौके पर बीएसएफ को एक बड़ी सौगात मिली है. पाकिस्तान से सटे सर क्रीक एरिया और बांग्लादेश से सटे सुंदरबन में सीमा सुरक्षा मजबूत करने के लिए बीएसएफ को तीन नई फ्लोटिंग-बीओपी मिल गई हैं. कोच्चिन शिपयार्ड ने इन जहाज-नुमा फ्लोटिंग बीओपी का निर्माण किया है और 26 जनवरी को शिपयार्ड ने इन बीओपी को बीएसएफ सौंप दिया.
26 जनवरी को शिपयार्ड ने दूसरी खेप सौंपी
बीएसएफ के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने कोच्चिन शिपयार्ड को कुल नौ फ्लोटिंग-बीओपी यानी पानी में तैरने वाली बॉर्डर आउट पोस्ट (सीमा-चौकी) बनाने का ऑर्डर दिया था. तीन-तीन के खेप में इन बीओपी का निर्माण होना था. 26 जनवरी को शिपयार्ड ने दूसरी खेप बीएसएफ को सौंप दी.
26 जनवरी को मिली खेप के बाद बीएसएफ के पास अब कुल 12 फ्लोटिंग बीओपी हो गई हैं. जल्द ही तीन और फ्लोटिंग बीओपी मिलने की उम्मीद है. ये सभी 12 फ्लोटिंग बीओपी सुंदरबन और सर क्रीक एरिया में तैनात करने के लिए तैयार कराई गई थीं. इनमें से 06 सुंदरबन के लिए हैं और छह ही सर क्रीक एरिया के लिए.
फ्लोटिंग बीओपी के बारे में जानिए
दरअसल फ्लोटिंग बीओपी नदी, नालों और समंदर में चलने वाली बीओपी होती हैं, जो एक जगह से दूसरी जगह मूव कर सकती हैं. बांग्लादेश से सटे दक्षिणी बंगाल (पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी हिस्सा) का एक बड़ा इलाका मैनग्रोव-जंगल, सुंदरबन में आता है. इसके अलावा यहां नदियों का बंगाल की खाड़ी में मिलने से एक बड़ा डेल्टा भी बनता है. ऐसे में इस इलाके में स्थायी चौकी बनाने के बजाए बीएसएफ ने जहाज को ही पानी में तैरने वाली फ्लोटिंग-बीओपी में तब्दील कर दिया.
सुंदरबन की तरह ही पाकिस्तान से सटे गुजरात का सर क्रीक एरिया भी नदी-नालों से पटा हुआ है. ऐसे में वहां भी बीएसएफ ने स्थायी सीमा चौकियों के साथ साथ फ्लोटिंग-बीओपी भी तैनात कर रखी हैं.