जम्मू: पाकिस्तान की सेना द्वारा पुंछ में भारतीय सेना के एक पोर्टर का सिर कलम किए जाने की हालिया घटना के कारण बढ़े तनाव के बीच गणतंत्र दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी बलों के साथ मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं हुआ.

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय और पाकिस्तानी बल आमतौर पर अपने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय दिवसों एवं उत्सवों पर मिठाइयां बांटते और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन और लगातार संघर्षविराम उल्लंघनों के कारण पिछले कुछ साल से इस परम्परा का पालन नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इस साल भी गणतंत्र दिवस पर मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं हुआ.

पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने पुंछ जिले के गुलपुर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास एक हमले में 10 जनवरी को सेना के पोर्टर मोहम्मद असलम (28) का सिर कलम कर दिया था और तीन अन्य लोगों को घायल कर दिया था.

वहीं अटारी-वाघा सीमा पर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने सीमा के पास विभिन्न शिविरों में गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया.

71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की तरफ प्रशासन की ओर से एक संयुक्त जांच चौकी पर एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां सुबह राष्ट्रध्वज फहराया गया और शाम को  बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हुआ. इस मौके पर बीएसएफ की ओर से खास परेड की गई. दर्शकों को इस परेड के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार था. बीएसएफ जवानों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया. परेड देखकर दर्शकों में रोमांच भर गया.

भारतीय हिस्से में जमा हुए हजारों दर्शक भारत समर्थक नारे लगाते और राष्ट्रभक्ति के गीतों पर नाचते देखे गए. अटारी-वाघा सीमा चौकी अमृतसर से कोई 30 किलोमीटर दूर स्थित है.

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