(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गणतंत्र दिवस: एक बार फिर इस गणतंत्र दिवस पर दोहराया जाएगा इतिहास
नई दिल्ली: 1950 के दशक में जब विश्व पटल पर एक नए आजाद देश ने लोकशाही का पहला कदम रखा था. उस दौरान 10 ग्राम सोने की कीमत महज 100 रुपये भी नहीं थी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश अपना वर्चस्व जमाने के लिए कमर कस रहे थे. उसी वक्त में 26 जनवरी, 1950 को अपने देश भारत में लोकतंत्र की नई चेतना का अंकुरण हुआ था.
आज 68 साल बाद वही इतिहास दोहराया जा रहा है. देश के पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे. आज 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो इस बार गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेंगे.
3 हजार सैन्य बलों की परेड, जिनमें पुलिस के जवान भी शामिल थे, पहले गणतंत्र दिवस के समारोह में करीब 15 हजार लोग इस दृश्य के साक्षी बने थे.
यहां देखें राजधानी दिल्ली की सड़के पहले गणतंत्र दिवस पर कैसी नजर आ रही थीं.
इस साल, गणतंत्र दिवस समारोहों में थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई जैसे देशों के 10 राष्ट्र प्रमुख मुख्य अतिथि होंगे. 69 वें गणतंत्र दिवस परेड में न केवल भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना की टुकड़ियां भाग लेंगी बल्कि इस समारोह मेहमान देशों से आए 700 से अधिक छात्र भी हिस्सा लेंगे.
पहली बार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के नए बने ऑल वुमन बाईकर्स का दल राजपत पर गणतंत्र दिवस पर अपनी शुरुआत करेगा. 27 मेंबर्स की बीएसएफ 'डेयरडेविल्स' महिलाएं 'सीमा भवानी' नाम की टीम के रूप में हिस्सा लेंगी. ये जवान 350 सीसी की रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल पर अपने स्टंट और कलाबाजी प्रदर्शित करेंगी.
हर साल गणतंत्र दिवस परेड का टेलिकास्ट दूरदर्शन पर लाइव किया जाता है. इस बार भी दूरदर्शन की पूरी टीम अपने हाई डेफिनिशन कैमरे के साथ पूरे देश को गणतंत्र दिवस परेड का आखों देखी हाल दिखाने वाली है.