गरुड़ कमांडो को मरणोपरांत अशोक चक्र, राजपथ पर मां-पत्नी को देख राष्ट्रपति की नम हुईं आखें
शांति के समय में वीरता के लिए दिए जाना वाला ये सबसे बड़ा पुरस्कार है. ये दूसरी बार है कि वायुसेना में किसी को अशोक चक्र से नवाजा गया है.
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर आज जब भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत शांतिकाल में सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया जा रहा था तो उस वक़्त राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आंखें नम हो गईं. राजपथ पर जब कोविंद ने ज्योति प्रकाश के परिजनों को अशोक चक्र भेंट की तो उनकी आंखों में आंसू छलक आए और वो भरी महफिल में रुमाल से अपनी आंखें पोछते दिखे.
गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत के सम्मान कश्मीर में लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशनल चीफ ज़की उर रहमान लखवी के भतीजे सहित दो आतंकियों को ढेर करने के लिए दिया गया है. गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रपति, कमांडो निराला की पत्नी और मां को इस मेडल से नवाजा.
#AshokaChakra awarded to Late Air Force Commando JP Nirala, who lost his life in Bandipora encounter. President Kovind presents award to JP Nirala's mother and wife. #RepublicDay pic.twitter.com/S6E7pJysdP
— ANI (@ANI) January 26, 2018
निराला ने दो आतंकियों को मार गिराया था
18 नबम्बर 2017 को कश्मीर के बांदीपुरा में सेना की राष्ट्रीय राईफल्स की टीम को सूचना मिली थी कि एक गांव में छह आतंकी छिपे हुए हैं. वायुसेना की स्पेशल फोर्स, गरूण के कमांडो ज्योति प्रकाश निराला आरआर की टीम से अटैचड थे. इसी लिए वे इस ऑपरेशन में आतंकियों से मुकाबला करने गए थे. निराला अपने साथियों के साथ वहां मोर्चा लिए हुए थे जहां से आतंकियों के भागने का खतरा था. मुठभेड़ में निराला ने दो आतंकियों को मार गिराया और तीन को घायल कर दिया. बाद में मारे गए आतंकियों की पहचान पाकिस्तान के उबेद उर्फ ओसमा जंगी और महमूद भाई के तौर पर हुई. ओसामा जंगी लश्कर के ऑपरेशन्ल कमांडर ज़की उर रहमान लखवी का भतीजा था. महमूद भाई लश्कर के उत्तरी कश्मीर का कमांडर था. लेकिन इस एनकाउंटर में निराला भी शहीद हो गए.
अशोक चक्र मिलने से पहले निराला के माता-पिता से एबीपी न्यूज ने खास बाचतीच की. बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले निराला के माता पिता ने कहा कि उन्हें इस बात का गम और दुख तो है कि बेटा चला गया लेकिन इस बात का गर्व भी है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया. निराला की पत्नी से भी बात करने की कोशिश की गई, पर वे कैमरे पर दुख को मारे कुछ नहीं बोल पाईं. निराला की एक दो साल की बेटी भी है.
शांति के समय में वीरता के लिए दिए जाना वाला ये सबसे बड़ा पुरस्कार है. ये दूसरी बार है कि वायुसेना में किसी को अशोक चक्र से नवाजा गया है. इससे पहले अंतरिक्ष में जाने वाले राकेश शर्मा को ये मेडल दिया गया था.