नई दिल्ली : इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेनाओं की जो ताकत दिखाई पड़ेगी, उसमें दो नई तोप शामिल हैं. सबसे खास है एटीएजीएस तोप. एडवांस टोय्ड आर्टेलेरी गन सिस्टम को डीआरडीओ ने प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया है. जो जल्द ही सेना के तोपखाने में शामिल हो जायेगी.


इस एटीएजीएस तोप की रेंज करीब 40 किलोमीटर है

155x52 कैलिबर की इस एटीएजीएस तोप की रेंज करीब 40 किलोमीटर है. ये पूरी तरह से स्वदेशी तोप है जिसका डिजाइन डीआरडीओ ने तैयार किया है और तैयार किया है टाटा और भारत फोर्ज नाम की कंपनी ने. इन तोपों के ट्रायल चल रहे हैं जिसके बाद इन्हें थलसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जायेगा.

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एटीएजीएस तोप अपने समांतर सभी तोपों में सबसे बेहतर

डीआरडीओ के डीजी पी. के. मेहता ने एबीपी न्यूज को बताया कि एटीएजीएस तोप अपने समांतर सभी तोपों में सबसे बेहतर है. मेहता के मुताबिक अगर रिजल्ट अच्छे रहे तो इन तोपों को एक्सपोर्ट भी किया जायेगा. इस साल गणतंत्र दिवस परेड में एटीएजीएस के साथ साथ ओएफबी, जबलपुर द्वारा तैयार की गई धनुष तोप भी शामिल है.

धनुष तोप को बोफोर्स तोप की तर्ज पर बनाया गया है

धनुष तोप को बोफोर्स तोप की तर्ज पर बनाया गया है. ये 155x45 कैलीबर की तोप है. जिसकी मारक क्षमता करीब 35 किलोमीटर है. बोफोर्स तोप के बाद (30 साल से) से सेना को कोई नई तोप नहीं मिली थी. इसकी वजह यह थी कि बोफोर्स सौदे में दलाली के आरोप लगे थे. लेकिन करगिल युद्ध में बोफोर्स तोप की पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक भूमिका थी.

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हेलिकॉप्टर, ड्रोन इत्यादि का पता लगाने में सक्षम हैं

करगिल युद्ध के बाद सेना और सरकार ने आर्टेलेरी गन्स पर जोर देना शुरू किया और उसी का नतीजा है कि अब थलसेना को दो नई तोप मिलने जा रही हैं.डीआरडीओ ने इस साल एटीएजीएस तोप के साथ-साथ 'अरूद्रहा' (ARUDHRA) रडार प्रणाली को भी परेड में शामिल किया है. मध्यम शक्ति की ये रडार 800 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के किसी भी लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, ड्रोन इत्यादि का पता लगाने में सक्षम हैं.

छह महीने में इसे वायुसेना के सुपुर्द कर दिया जायेगा

यही नहीं आसमान में 30 किलोमीटर ऊंचाई तक इसकी रेंज है. ये रडार लगभग बनकर तैयार है. अगले छह महीने में इसे वायुसेना के सुपुर्द कर दिया जायेगा. ये रडार दोस्त और दुश्मन को पहचानने में भी सक्षम है. एटीएजीएस और अरूद्रहा के अलावा इस साल डीआरडीओ ने वायुसेना के लिए तैयार किए जा रहे टोही विमान एवैक्स (AWECS-एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) को भी फ्लाई पास्ट में शामिल किया है.

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एवैक्स विमान बनाने की क्षमता दुनिया में सिर्फ चार देशों के पास

ये विमान भी वायुसेना के लिए तैयार किया जा रहा है. एवैक्स विमान बनाने की क्षमता दुनिया में सिर्फ चार देशों के पास है. इस विमान को बनाने वाला भारत अब 5वां देश हो गया है. हाल ही में वायुसेना में शामिल हुआ तेजस विमान भी डीआरडीओ और एचएएल ने मिलकर तैयार किया है, जो पहली बार गणतंत्र दिवस फ्लाई पास्ट में हिस्सा ले रहा है.

ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल को भी डीआरडीओ ने तैयार किया

परेड में शामिल ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल को भी डीआरडीओ ने तैयार किया था. ये मिसाइल काफी समय से थलसेना और वायुसेना इस्तेमाल कर रही हैं. इसके अलावा, सीबीआरएन डिटेक्शन मशीन भी डीआरडीओ ने सेना के लिए तैयार की थी.