नई दिल्ली: इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) किसी भी अस्पताल का सबसे महत्वपूर्ण वार्ड होता है, जहां गंभीर रोगों का सामना करने वाले मरीजों को रखा जाता है. यहां मरीजों को उचित देखभाल और इंफेक्शन से बचाने के लिए रखा जाता है, जिससे वे जल्द से जल्द ठीक हो सकें. आईसीयू को संक्रमण मुक्त रखने के लिए तमाम तरह की सावधानियों बरती जाती हैं. लेकिन यदि कोई आईसीयू में मोबाइल फोन लेकर जाता है तो यह खतरनाक साबित हो सकता है. हाल ही में एक रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है.
मोबाइल के कीपैड में पनप सकते हैं बैक्टीरिया
एक रिसर्च में सामने आया है कि आईसीयू में मोबाइल ले जाने या उसका उपयोग मरीजों के लिए घातक हो सकता है. इस रिसर्च के लिए 100 डॉक्टरों के मोबाइल फोन को चेक किया गया. इनमें से 56 के मोबाइल फोन के कीपैड में बैक्टीरिया और वायरस मिले. इनमें खास बात यह है कि ज्यादातर बैक्टीरिया पर कई एंटीबायोटिक दवाएं भी बेअसर साबित हो रही थी. इस रिसर्च के अनुसार इस कारण से अब डॉक्टर और अन्य स्टाफ के आईसीयू में मोबाइल ले जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए.
ऐसे पनपते हैं बैक्टीरिया
रिसर्च के मुताबिक, मोबाइल कान पर लगाकर बात करने और हाथ में पकड़ने से पसीना और गंदगी मोबाइल के की-पैड में जम जाती है. साथ ही बात करने के दौरान मुंह से लार के छींटे मोबाइल पर गिरते हैं. इस कारण से बैक्टीरिया और वायरस मोबाइल कीपैड और उसके गैप में पनप जाता है. इससे आईसीयू में मरीजों के लिए मोबाइल खतरा बनकर सामने आ सकता है.
कई देशों में है प्रतिबंधित
कई देशों में आईसीयू में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है. यूरोप के कई देशों में तो मोबाइल फोन से निकलने वाली तरंगों को कारण भी ऐसे प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं. मोबाइल की तरंगों से मेडिकल जांच की मशीनों में गड़बड़ होने की आशंका के चलते यह प्रतिबंध लगाया गए हैं.
यह भी पढ़ें-
Health Tips: लंबी खांसी को नजरअंदाज न करें, जानिए वजह और घरेलू उपचार
Health Tips: कौन सी डाइट है बेहतर हाई ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए? जानिए