नई दिल्ली: देश में इस वक्त कोरोना के साथ ब्लैक फंगस का भी कहर फैला हुआ है. इस बीमारी ने कोरोना के इस दौर में अभी तक कई लोगों की जान ले ली है. इसका इलाज बेहद महंगा है, यही नहीं इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन भी आसानी से नहीं मिल रहा है.
इस बीच आईआईटी हैदराबाद से Researchers at IIT Hyderabad developed an oral solution to treat Black Fungus, Mucormycosisएक अच्छी खबर सामने आयी है. आईआईटी हैदराबाद के रिसर्चर्स ने ब्लैक फंगस के इलाज में कारगर एक सॉल्यूशन तैयार किया है. इस सॉल्यूशन को मरीज को मुंह के जरिए दिया जाएगा.
दो साल की रिसर्च के बाद रिसर्चर को इस सॉल्यूशन पर अब पूरी भरोसा है. उनका मानना है कि इसे बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए दिया जा सकता है. इस सॉल्यूशन की एक और खास बात है कि यह बेहद किफायती है. 60 मिलीग्राम की इस टैबलेट की कीमत सिर्फ 200 रुपये है.
आईआईटी हैदराबाद में इस सॉल्यूशन पर पिछले दो साल से प्रोफेसर सप्तऋषि मजूमदार, डॉ. चंद्र शेखर शर्मा और उनके पीएचडी स्कॉलर मृणालिनी गेधाने और अनंदिता लाहा काम कर रहे थे.
संस्थान ने कहा, ''दो साल के अध्ययन के बाद अनुसंधानकर्ता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि इस प्रौद्योगिकी को बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए उचित फार्मा साझेदारों को हस्तांतरित किया जा सकता है.''
उसने कहा, ''फिलहाल देश में ब्लैक और अन्य तरह के फंगस के इलाज के लिए कालाजार के उपचार का इस्तेमाल किया जा रहा है तथा इसकी उपलब्धता और किफायती दर को देखते हुए इस दवा के आपात और तत्काल परीक्षण की अनुमति दी जानी चाहिए.''
शर्मा ने कहा कि यह तकनीक बौद्धिक संपदा अधिकार से मुक्त है ताकि इसका व्यापक स्तर पर उत्पादन हो सके और जनता के लिए यह किफायती एवं सुगमता से उपलब्ध रहे.
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