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सवर्णों को आरक्षणः ममता बोलीं- युवाओं को ठग रही है मोदी सरकार, जानें सभी विपक्षी दलों की राय
10 percent reservation: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर 15 फीसदी आबादी को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है तो फिर 85 प्रतिशत आबादी को 90 प्रतिशत आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए.
![सवर्णों को आरक्षणः ममता बोलीं- युवाओं को ठग रही है मोदी सरकार, जानें सभी विपक्षी दलों की राय Reservations to upper castes: Mamata says Modi Government is cheat youth, know what other opposition parties says on it सवर्णों को आरक्षणः ममता बोलीं- युवाओं को ठग रही है मोदी सरकार, जानें सभी विपक्षी दलों की राय](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/08/21213213/MAMATA.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले गरीब सवर्णों (आर्थिक रूप से पिछड़ी ऊंची जातियों) को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का मामला पूरी तरह से गरमा चुका है. इस मुद्दे पर जहां कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार के फैसले पर करारा हमला बोला है तो वहीं मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री के इस फैसले का बचाव कर रहे हैं. कई नेताओं ने इसे चुनावी स्टंट बताया है.
गरीब सवर्णों को आरक्षण के फैसले को कांग्रेस ने 'चुनावी जुमला' बताया है तो वहीं बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर 15 फीसदी आबादी को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है तो फिर 85 प्रतिशत आबादी को 90 प्रतिशत आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए.
तेजस्वी ने बोला हमला तेजस्वी ने कहा, ''अगर 15 फीसदी आबादी को 10 प्रतिशत आरक्षण तो फिर 85 फीसदी आबादी को 90 प्रतिशत आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए. 10 प्रतिशत आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें.''
कांग्रेस ने बताया चुनावी जुमला वहीं कांग्रेस मोदी सरकार के इस फैसले को चुनावी जुमला बताते हुए कहा, ''हम रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण के पक्ष में तो है लेकिन मूलभूत सवाल ये है कि मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देगी कब?'' साथ ही कांग्रेस ने सरकार की इस घोषणा के समय को लेकर भी सवाल खड़े किए.
ममता बनर्जी ने मोदी सरकार की नीयत पर उठाया सवाल गरीब सवर्णों के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाया और कहा, ''चुनाव से पहले क्या इस फैसले के जरिए मोदी सरकार बेरोजगार युवाओं को ठगना चाहती है. सबसे पहले सरकार को साफ करना होगा कि इसे लागू किया जाएगा या नहीं. क्या यह फैसला संवैधानिक रूप से वैध है या अवैध.''
केजरीवाल ने बताया चुनावी स्टंट वहीं अपने ट्विटर हैंडल के जरिए आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी को घेरा है. आप ने कहा है, "चुनाव के पहले बीजेपी सरकार संसद में संविधान संशोधन करे, हम सरकार का साथ देंगे. नहीं तो साफ हो जाएगा कि ये मात्र बीजेपी का चुनाव के पहले का स्टंट है."
बीजेपी ने किया स्वागत कैबिनेट के इस फैसले को लेकर सत्ताधारी बीजेपी ने इस कदम की तारीफ की. पार्टी के कई नेताओं ने इसे ‘ऐतिहासिक’ करार दिया. ‘सबका साथ सबका विकास’ के पथ पर सरकार काम कर रही है. संविधान संशोधन विधेयक के जरिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में एक धारा जोड़कर शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा.
सरकार को मिला बीएसपी का साथ गरीब सवर्णों के आरक्षण मामले को लेकर मोदी सरकार को मायावती का साथ मिला है. उन्होंने कहा है कि हमारी पार्टी सरकार के इस फैसले का समर्थन करेगी. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि राफेल विवाद से बचने के लिए मोदी सरकार ने आरक्षण का पासा फेंका है.
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