RBI के गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा, सरकार से लंबे समय से चल रही थी खींचतान
दरअसल पहले ही से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद उर्जित पटेल अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. मोदी सरकार ने आरबीआई कानून की धारा 7 का इस्तेमाल किया है.
नई दिल्लीः मोदी सरकार से लंबी खींचतान और तनातनी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 तक था लेकिन 9 महीने पहले ही आरबीआई गवर्नर ने इस्तीफा दे दिया.
दरअसल पहले ही से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद उर्जित पटेल अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. मोदी सरकार ने आरबीआई कानून की धारा 7 का इस्तेमाल किया है. इस आर्टिकल से सरकार को यह अधिकार है कि वह सार्वजनिक हित के मुद्दे पर आरबीआई को सीधे-सीधे निर्देश दे सकती है. सरकार के फैसले को आरबीआई मानने से इनकार नहीं कर सकता.
Reuters: Reserve Bank of India (RBI) Governor Urjit Patel steps down pic.twitter.com/PxXQmWCzmN
— ANI (@ANI) December 10, 2018
उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे पर कहा, मैंने व्यक्तिगत वजह से अपने पद से इस्तीफा देने का फैसले किया, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा. ये मेरे लिए गर्व की बात है कि मैंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में विभिन्न पदों पर काम किया.
उन्होंने आगे लिखा, आरबीआई के कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रबंधन के समर्थन और उनकी कड़ी मेहनत से हाल के वर्षों में बैंक ने काफी उपलब्धियां हासिल की हैं. मैं इस अवसर पर आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के अपने सहयोगियों और निदेशकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं और भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.
Urjit R. Patel: On account of personal reasons, I have decided to step down from my current position (RBI Governor) effective immediately. It has been my privilege and honour to serve in the Reserve Bank of India in various capacities over the years (File pic) pic.twitter.com/PAxQIiQ3hV
— ANI (@ANI) December 10, 2018
उर्जित पटेल चार सितंबर 2016 को रघुराम राजन की जगह आरबीआई गवर्नर बने थे. उसके बाद से ही नोटबंदी और अन्य मसलों को लेकर उनकी आलोचना होती रही है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उर्जित पटेल के इस्तीफे पर कहा है कि सरकार उर्जित पटेल ने आरबीआई डिप्टी गवर्नर और गवर्नर दोनों रूपों में की गई देश की सेवा के लिए उनकी प्रशंसा करती है. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.वहीं उर्जित पटेल से पहले आरबीआई के गवर्नर रहे रघुराम राजन ने कहा कि सरकार को उन कारणों के बारे में सोचना चाहिए जिनकी वजह से उर्जित पटेल को पद छोड़ना पड़ा. उर्जित पटेल का इस्तीफा बेहद चिंता का विषय है. सरकार को आगे आरबीआई के साथ रिश्तों को किस तरह रखना है इसको लेकर गंभीर तरीके से सोचना चाहिए.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के जाने के बाद उर्जित पटेल आरबीआई के गवर्नर के पद पर नियुक्त हुए लेकिन पिछले कुछ दिनों से आरबीआई और सरकार के बीच खींचतान चल रही थी. अरुण जेटली और उर्जित पटेल के बीच आरबीआई की स्वायत्तता को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे. कुछ दिन पहले आरबीआई की बोर्ड मीटिंग में भी बड़े फैसले लिए गए थे जिनके बारे में कहा जा रहा था कि इनपर सरकार और आरबीआई के बीच मतभेद बाकी हैं.
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल 28 नवंबर को संसद की एक समिति के सामने पेश हुए थे और वहां भी उन्होंने सरकार के नोटबंदी के फैसले का एक तरह से बचाव किया था. उन्होंने सांसदों से कहा था कि नोटबंदी का प्रभाव अस्थायी था और अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. हालांकि उस समय सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि उन्होंने आरबीआई कानून की धारा 7 के उपयोग, फंसे कर्ज, केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के मुद्दों पर कुछ नहीं कहा था.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी हाल ही में कहा था कि आरबीआई और वित्त मंत्रालय या सरकार के बीच बेहद नाजुक रिश्ता होता है और अगर इनके बीच कुछ विवाद हो जाए तो इसे मिलबैठकर सुलझाया जाना चाहिेए. दरअसल आरबीआई और सरकार के बीच चल रहे विवाद का असर आरबीआई की साख पर पड़ता दिख रहा था और इस केंद्रीय बैंक की प्रतिष्ठा को लेकर आम लोगों के बीच भी सवाल उठ रहे थे.