नई दिल्ली: देश के दस राज्य इस समय कैश की किल्लत से जूझ रहे हैं. सरकार और आरबीआई जल्द स्थिति से निपटने की बात कगह रहे हैं. इस बीच मुबंई से एक चौंकाने वाली खबर आई है. मुंबई के गिरगांव में रिजर्व बैंक ने सिटी को-ऑपरेटिव बैंक पर पाबंदी लगा दी है. सिटी को ऑपरेटिव बैंक की मुंबई में 10 शाखाएं हैं जिसमें करीब 91 हजार खाताधारक हैं.
रिजर्व बैंक के आदेश के बाद सिटी बैंक के ग्राहक छह महीने में सिर्फ एक हजार रुपये ही निकाल सकते हैं. ये खबर मिलने के बाद कल रात सिटी कोऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों ने गिरगांव ब्रांच के बाहर हंगामा किया. सिटी कोऑपरेटिव बैंक को रिजर्व बैंक की तरफ से ये पाबंदी दिसंबर 2017 में ही लगाई गई थी लेकिन बैंक ने ये बात अपने ग्राहकों से छिपाई. ग्राहकों से लोन न वसूल कर पाने औऱ बैंक का एनपीए बढ़ जाने की वजह से रिजर्ब बैंक ने सिटी कोऑपरेटिव बैंक पर ये पाबंदी लगाई है.
मुंबई सिटी कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन शिवसेना सांसद आनंद अडसूल हैं. लोगों ने जब हंगामा किया तो शिवसेना सांसद का कहना है कि 75 साल से बैंक लोगों के भरोसे से आगे बढ़ा है, लोगों का पैसा नहीं डूबेगा. दो बैंक से विलय की बात हो रही है. बता दें कि लोगों का गुस्सा इस बात से है कि उन्हें पहले बताया क्यों नहीं गया ताकि वो अपने पैसे निकाल लेते.
कैश की किल्लत पर बड़ा खुलासा
कई राज्यों में कैश की किल्लत के बीच नासिक में प्रेस वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष जगदीश गोडशे ने बड़ा दावा किया है. गोडशे के मुताबिक नासिक की करेंसी प्रेस में स्याही की कमी के चलते 200 और 500 के नये नोटों की छपाई नहीं हो पा रही है. ये राष्ट्रीय स्तर में नोटों की कमी की एक बड़ी वजह है. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि नोटों की छपाई कब से बंद है.