NEET PG 2021: नीट पीजी ( NEET PG) काउंसलिंग में देरी के विरोध में 27 नवंबर से रेजिडेंट डॉक्टर की एसोसिएशन FORDA ( फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) ने ओपीडी सर्विस का बहिष्कार करने का फैसला किया है. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने गुरुवार को इस बारें में देश भर के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की बैठक की थी जिसमें ये फैसला लिया गया. FORDA के मुताबिक शनिवार से देश भर के करीब 10 हजार रेसिडेंट डॉक्टर ओपीडी में नहीं जाएंगे और स्ट्राइक करेंगे. ये स्ट्राइक फिलहाल ओपीडी में ही है और कब तक है ये तय नहीं है. 


ओपीडी सर्विस बहिष्कार का फैसला


फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) के मुताबिक NEET PG की दाखिले और शुरुआत में देरी से रेसिडेंट डॉक्टर के काम पर असर पड़ रहा है. अक्टूबर में नतीजे आने के बाद भी अभी तक काउंसलिंग शुरू नहीं हुई क्योंकि इसको सुप्रीम कोर्ट में मामला है और अगली सुनवाई 6 जनवरी को है. ऐसे FORDA और बाकी रेसिडेंट एसोसिएशन के कहना है की इसे मेडिकल छात्रों के साथ साथ रेसिडेंट डॉक्टर और मरीजों को नुकसान हो रहा है. कोरोना के बाद से लागातार काम करना पड़ रहा है और देरी की वजह से ये दबाव और डॉक्टरों पर आ रहा है. इसलिए मजबूरन ये ओपीडी सर्विस में स्ट्राइक का फैसला लिया गया है. 


NEET PG की काउंसलिंग में देरी क्यों?


फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मनीष ने बताया कि गुरुवार को हमने मीटिंग की थी जिसमें सारे आरडीए जुड़े थे तो हमने तय किया कि हम ओपीडी सर्विस बंद करेंगे और ये कब तक चलेगा हमें नहीं पता. ये अनिश्चितकालीन है. जब तक कि कोई ठोस उपाय नहीं किए जाते हैं तब तक ये चलेगा.  NEET PG की काउंसलिंग में देरी की वजह से पूरे देश मे 10 हज़ार से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर प्रोटेस्ट करेंगे.  जहां मई में जॉइन करना था अब दिसंबर आ गया है. दिसंबर में तारीख दी जाती है कि जनवरी में इसमें सुनवाई होगी. ये पता नहीं कितना समय लगेगा इसे साल बर्बाद हो रहा है. रेसिडेंट डॉक्टर पर इसका बोझ बढ़ रहा है क्योंकि नए लोग आ नहीं रहे हैं और पुराने लोग 80 घंटे काम कर रहे है.


फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मनीष ने आगे कहा कि अब रेसिडेंट डॉक्टरों की एसोसिएशन चाहती है इस मामले में तेज़ी आए और केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर इसका कोई हल निकाले. आपको बता दें कि इस हड़ताल के दौरान बाकी डॉक्टर ओपीडी में मौजूद रहेंगे. सिर्फ जूनियर और सीनियर रेसिडेंट डॉक्टर ही ओपीडी सर्विस में नहीं आएंगे, बाकी सभी जगह वार्ड और इमरजेंसी में काम पर जाएंगे. अब तक इस स्ट्राइक में आरएमएल अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज जैसे अस्पतालों के रेसिडेंट डॉक्टर शामिल हैं. 


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