नई दिल्ली: कांग्रेस ने अयोध्या मामले में सर्वमान्य समाधान निकालने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित किए जाने का शुक्रवार को स्वागत किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राजनीतिक लाभ के लिए पिछले 27 सालों से आस्था से जुड़े मुद्दे का राजनीतिकरण किया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में यह भी कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करता है वही अंतिम होना चाहिए और उसे सभी पक्षों को मानना चाहिए. उन्होंने कहा, ''हम सुप्रीम कोर्ट की ओर से मध्यस्थता समिति गठित किए जाने का स्वागत करते हैं.''


सुरजेवाला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ''दुखद है कि बीजेपी ने आस्था से जुड़े विषय का राजनीतिक लाभ के लिए 27 सालों से राजनीतिकरण किया है. 1992 से बीजेपी ने इस मुद्दे को जीवित रखा है ताकि इसे हर चुनाव में वोट हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जा सके.''


सुरजेवाला ने दावा किया, ''चुनाव के बाद बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को किनारे लगा देती है और चुनाव के समय उसे फिर सामने ला देती है. हम आशा करते हैं कि देश की जनता बीजेपी के दोहरेपन को समझेगी.''


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये शुक्रवार को शीर्ष अदालत के पूर्व जस्टिस एफएमआई खलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति गठित कर दी. इस समिति को आठ सप्ताह के भीतर मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी करनी है.


चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मध्यस्थता के लिये गठित समिति के अन्य सदस्यों में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू शामिल हैं. पीठ ने कहा कि समिति, आवश्यकता हो तो, इसमें और सदस्य शामिल कर सकती है.


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