नई दिल्ली: दिवाली की रात के बाद से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. आज दिल्ली समेत उत्तर भारत के अनेक शहरों में आसमान में धुंध की मोटी परत छाई है. अब खबर है कि दिवाली की रात के बाद से प्रदूषण के कारण दिल्ली एम्स के इमरजेंसी में अस्थमा और श्वास संबंधित तकलीफ वाले मरीजों की संख्या में 5 गुना की वृद्धि देखने को मिली है.
एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक दिवाली से पहले सिर्फ चार या पांच मरीज श्वास संबंधित तकलीफों को लेकर इमरजेंसी वॉर्ड में एक शिफ्ट में आते थे लेकिन अब मरीजों की संख्या 25 से अधिक हो गई है. रात में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान अस्थमा के कारण परेशानी बढ़ जाती है.
एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक जितने मरीज आते हैं उनमें आधे से अधिक बच्चे हैं और बाकी मरीजों में बुजुर्ग लोगों की संख्या अधिक है. वहीं, आज दिल्ली एनसीआर में हल्की बारिश के बाद भी प्रदूषण से लोगों को राहत नहीं मिली है. सरकारी एजेंसी सफर के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह साढ़े छह बजे 410 था जो 9 बजते-बजते 625 हो गया.
दिल्ली से सटे नोएडा में हालात और भी खराब हैं. यहां पीएम 10 का स्तर सुबह 9 बजे 637 और पीएम 2.5 का स्तर 667 रहा. गाजियाबाद में आपात स्थिति है. यहां पीएम 10 का स्तर 868 है और पीएम 2.5 का स्तर 808 है. गुरुग्राम की बात करें तो यहां पीएम 10 का स्तर 655 है और पीएम 2.5 का स्तर 737 है.
ये है पैमाना
एयर क्वालिटी इंडैक्स (एक्यूआई) जब 0-50 होता है तो इसे ‘अच्छी’ श्रेणी का माना जाता है. 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘अत्यंत खराब’, 401-500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर एक्यूआई को ‘बेहद गंभीर और आपात’ श्रेणी का माना जाता है. आपात श्रेणी में एक्यूआई के पहुंचने से इसका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
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