(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर मोदी सरकार पर बढ़ रहा राजनीतिक दबाव, विपक्ष शासित राज्यों ने बढ़ाई हलचल
Old Pension Scheme: पिछले कुछ समय से लगातार पुरानी पेंशन स्कीम बहाली को लेकर मांग उठ रही है. अब इसे लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर दवाब बढ़ता नजर आ रहा है.
Old Pension Scheme: मोदी सरकार पर अब पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर दबाव बढ़ता नजर आ रहा है. इसका कारण है झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे विपक्ष शासित राज्यों में नई पेंशन स्कीम की जगह एक बार फिर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का फैसला. इसी को लेकर अब केंद्र की मोदी सरकार पर भी पुरानी व्यवस्था में लौटने की मांग तेजी से बढ़ रही है. यहां तक की खुद मोदी सरकार के मंत्री भी ये मान रहे हैं कि सरकार पर दबाव बढ़ रहा है.
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार कर्मचारियों और विपक्ष की मांग को मानते हुए नई पेंशन स्कीम की समीक्षा करेगी ? सोमवार को जब कार्मिक राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह पेंशन प्रक्रिया से ही जुड़े एक मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए तो उनसे भी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने के बारे में पूछा गया.
'पुरानी पेंशन को लेकर समीक्षा कर रही सरकार'
जितेंद्र सिंह ने पहले कहा कि ये मामला वित्त मंत्रालय के तहत आता है, लेकिन ये जरूर जोड़ा कि सरकार इस बारे में समीक्षा कर रही है कि इस मामले पर कैसे आगे बढ़ा जाए. एबीपी न्यूज़ के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार के पास जो भी इनपुट आ रहा है उनका संज्ञान लिया जा रहा है. अब जितेंद्र सिंह के इस बयान से इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार के इस मामले को लेकर विचार विमर्श कर रही है.
लगातार उठ रही पुराने पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग
बता दें कि, 1 जनवरी 2004 या उसके बाद सराकरी नौकरी में आने वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू है लेकिन पिछले कुछ समय से लगातार इसे वापस लेने और पुराने पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग तेज हो रही है. हाल ही में समाप्त हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने सरकार बनने पर राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया, जिसके बाद ये बड़ा सियासी मुद्दा भी बन गया था.
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