Air India Medical Insurance: एयर इंडिया के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की ख़बर है. एयर इंडिया के रिटायर कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा जल्द ही बहाल होने की उम्मीद है. भारत सरकार ने जिन शर्तों पर एयर इंडिया को टाटा संस को बेचा है उनमें एयर इंडिया के रिटायर कर्मचारियों का मेडिकल इंश्योरेंस कवर नहीं शामिल है. ऐसे में एयर इंडिया की बिक्री के बाद से ही इसके रिटायर कर्मचारी अधर में थे. लेकिन शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के एक पत्र के जवाब में सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये साफ़ कर दिया है कि भारत सरकार के अधीन रहे एयर इंडिया के रिटायर कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा जल्द ही बहाल की जाएगी.
शिवसेना सांसद प्रियंका का पत्र
बीते 20 अक्टूबर को शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिख कर कहा कि एयर इंडिया के बहुत से रिटायर कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा से वंचित रखा गया है. इनमें पायलट, इंजीनियर, केबिन क्रू, केटरिंग स्टाफ़, ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ़, अड्मिनिस्ट्रेटिव स्टाफ़, मेडिकल स्टाफ़, कमर्शियल स्टाफ़ सहित अन्य विभागों के स्टाफ़ भी आते हैं. शिवसेना सांसद ने पत्र में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन सभी एयर इंडिया कर्मचारियों ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा एयर इंडिया की सेवा में लगाया है लेकिन अब इनको बिना किसी मेडिकल सुविधा के छोड़ दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का जवाब
शिव सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के पत्र का संज्ञान लेते हुए सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रियंका को लिखे अपने 12 नवम्बर के पत्र में कहा कि सरकार एयर इंडिया के रिटायर कर्मचारियों को मेडिकल इंश्योरेंस देने के लिए पहले से ही कटिबद्ध है. इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फ़ेमिली वेलफ़ेयर के साथ मिलकर नियम और शर्तों को तय किया जा रहा है.
नौकरी की शुरुआत में ही किया गया था वादा
एयर इंडिया के रिटायर कर्मचारियों का कहना है कि हमें नौकरी के शुरुआत में ही बता दिया गया था कि सभी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी मेडिकल क्लेम इंश्योरेंस मिलेगा. ऐसे में ज़्यादातर कर्मचारियों ने किसी भी तरह का कोई मेडिकल इंश्योरेंस नहीं करा रखा है. अब साठ साल की उम्र के बाद इंश्योरेंस एजेंसियाँ भी मेडिकल पॉलिसी देने में कोई रुचि नहीं रखतीं और न ही उनका कोई लाभ मिल सकता है. इन कर्मचारियों ने पीएमओ को भी पत्र लिख कर अपनी व्यथा बताई थी जिसमें इन कर्मचारियों ने इस बात का भी ज़िक्र किया था कि सरकारी कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा मिलना एक संवैधानिक हक़ है क्योंकि ये संविधान की धारा 14 की मूल भावना के अंतर्गत आने वाला विषय है.